कोरिया

स्वास्थ्य विभाग में दवा-फर्नीचर खरीदी में घोटाला
11-Feb-2023 2:53 PM
स्वास्थ्य विभाग में दवा-फर्नीचर खरीदी में घोटाला

जांच में अनियमितता मिली, शाखा प्रभारी को हटाया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 11 फरवरी।
कोरिया जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी विभाग में दवाओं की अनाप-शनाप खरीदी का बड़ा घोटाला सामने आया। जिसकी अब नए सिरे से जांच जारी है, इधर, सीएमएचओ ने शुरूआती जांच में आ रही काफी अनियमितताओं को लेकर शाखा प्रभारी को हटा दिया है। उसे पहले सोनहत भेजा गया था, बाद में दबाव के बाद उसे जिला अस्पताल अटैच किया गया, परन्तु अब उसे वापस सोनहत अटैच किया गया है। घोटाला सिर्फ दवाओं की अनाप-शनाप खरीदी का सिर्फ नहीं है वाहनों के मरम्मत में भी भारी भरकम रकम के हेरफेर का भी मामला सामने आया है।

इस संबंध में सीएमएचओ डॉ.आरके सेंगर का कहना है कि बीते 4 वर्ष में जो दवाओं की खरीदी हुई उसे लेकर राज्य सरकार से शिकायत हुई थी, जिसके बाद जांच जारी है, शाखा प्रभारी को हटा दिया है। दवाओं की अनाप शनाप खरीदी के साथ स्टॉक के रखरखाव, रजिस्टर अपूर्ण, आवक जावक का हिसाब किसाब नहीं पाया गया है। सामग्री खरीदी का भी यही हाल है। नए सिरे से जांच की जा रही है, वाहन के मरम्मत में भी काफी अनियमितताएं सामने आई है, जांच के बाद संबंधितों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

कोरिया जिले के सीएमएचओ कार्यालय में कोरोना कॉल सहित बीते 4 वर्षों मेें दवाओं, फर्नीचर अन्य सामग्रियों की अनाप शनाप खरीदी को लेकर राज्य सरकार को शिकायत मिली थी, जिसके बाद सरकार ने तत्कालीन सीएमएचओ डॉ.रामेश्वर शर्मा को हटा दिया गया था और उन्हें वापस जिला चिकित्सालय में पदस्थ कर दिया गया है। जिसके बाद भंडार शाखा प्रभारी को शाखा से हटाया गया, उसे प्रभार देने के निर्देश दिए गए, परन्तु प्रभार देने मेें दो महिने से ज्यादा समय लगा दिया गया।

प्रभार देने में काफी आनाकानी के बाद जैसे तैसे प्रभार लेकर हटाते हुए उसे सोनहत भेजा गया, बाद में दबाव देकर उसे जिला अस्पताल मे पदस्थ करवा दिया गया, दबाव की बात सामने आने पर उसे वापस सोनहत पदस्थ कर दिया गया है। इधर मामले की जांच जारी है। वहीं मिले प्रभार में काफी संख्या में दवाओं के स्टॉक को लेकर बनाई गई पंजियां अधूरी मिली है, साथ ही दवाओं के आवक जावक का हिसाब किताब गायब है। तत्कालीन सीएमएचओ डॉ रामेश्वर शर्मा के द्वारा भण्डार शाखा प्रभारी को नियम विरूद्ध तरीके से शाखा सौंप दिया गया था, ऐसे कर्मी को बना दिया गया था जिसके पास फार्मासिस्ट की डिग्री ही नहीं थी।

सूत्रों की माने तो कोरिया का दवा घोटाला कई करोड़ रूपए का है। बिना डिमांड दवाओंं की खरीदी की गई साथ ही बजट नहीं होने के बाद भी काफी मात्रा में दवाएं खरीदी गई, यह जानते हुए कि कोरिया से अलग एमसीबी जिला का निर्माण होना है, ऐसे में खरीदी गई दवाओं का उपयोग कहां होगा। जहां वर्तमान स्टाक रखा जाता है वहां दर्जनों बड़े भवन है जो खाली है, पर्याप्त जगह होने के बावजूद शहर को छोड़ 8 किमी दूर गोदाम के रूप में भवन किराए पर लिया गया। कोरोना काल के द्वारा विभिन्न तरह की दवाओं की खरीदी में तो लाखों रूपये की गड़बड़ी की गयी थी। इस दौरान जिले भर में दवाओ की आपूर्ति में भी बड़ा घालमेल किया गया।

वाहन बने की नहीं इसकी जांच
जिसके पास भंडार शाखा था उसी के पास वाहन शाखा का भी प्रभार था, वहीं प्रभार लेने के वक्त अब 28 लाख का हिसाब का अता पता नहीं हैं। कई वाहन कंडम हो रहे है, ऐसे में उन पर इतनी राशि कहां खर्च हुई, इसका पता लगाने सीएमएचओ श्री सेंगर ने वाहनों के ड्रायवरों से पूछताछ करने को कहा है। सीएमएचओं का कहना है कि यदि वाहनों की मरम्मत हुई है, उसमें नया सामान े लगा है तो बदला गया पुराना सामान कहां है। भारी भरकम राशि के खर्च को लेकर भी वो स्वयं हैरान है। वाहनों के साथ डीजल पर्ची की भी जांच की जा रही है।
 

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