कोरिया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर, (कोरिया), 12 फरवरी। बीते दो माह में वन्य जीवों के हमले से 4 लोगों की मौत हुई, जिसके बाद अब जंगलों में शाकाहारी जानवरों को छोड़ा जा रहा है, इसके लिए नंदनवन रायपुर से 20 चीतल और कानन पेंडारी से 15 नीलगाय गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए है, वहीं यहां लगातार बाघों की संख्या बढ़ते जा रही है, 2019 में 4 बाघ थे, जो अब बढक़र 6 हो चुके हैं, इसके अलावा एक सिंगरौली मप्र से आकर जिले मेें विचरण कर रहा है।
इस संबंध में गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संचालक श्री रामाकृष्णन ने बताया कि मांसाहारी जानवरों के भोजन के लिए शाकाहरी जानवरों को पार्क में लाने का सिलसिला जारी है, 20 चीतल और 15 नीलगाय आ चुकी है। पार्क में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, यहां उनके लिए अच्छा माहौल है, जिसके कारण दूसरे राज्य से बाघ यहां आ रहे हैै। अब तक 6 बाघ है। सभी पर विभाग निगरानी बनाए हुए है।
जानकारी के अनुसार गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है, वहीं बीते दो माह में 3 तेंदुए के हमले से जबकि एक मौत बाघ के हमले से हुई है, जिसे लेकर वन विभाग सक्रिय हो गया है। मनेन्द्रगढ़ वनमंडल, कोरिया वनमंडल में इंसान के रहवास क्षेत्रों में बाघ का विचरण चिंतनीय होता जा रहा है, जिसे लेकर गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के संचालक की पहल राज्य के वन विभाग के अधिकारी के निर्देश पर पर शाकाहारी जानवरों को लाने की प्रक्रिया शुरू की गई, ताकि मांसाहारी जानवर इंसानों की ओर अपना रूख ना कर सके। दो दिन पूर्व नंदनवन से 20 चीतल और कानन पेंडारी से 15 नीलगाय लाई गई है। प्रारंभिक तौर पर दोनों को अभी एक बाड़ें में रखा गया है, कुछ दिन बाद जब वे वातावरण के अनुसार खुद को एडजेस्ट कर लेगें तो उन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
भूखे होने के कारण किया हमला
पार्क के डायरेक्टर श्री रामाकृष्णन की माने तो जिस बाघ से एक व्यक्ति की जान ली, उसने तीन बार जानवर को मारने की कोशिश की, तीनों बार ग्रामीणों की शोरगुल के कारण उसके हाथ से शिकार दूर हो गया, और बाघ तीन दिन से भूखा था, वहीं जिस व्यक्ति पर बाघ ने हमला किया वो बैठ कर मछली पकड़ रहा था, जिसके कारण बाघ ने पीछे से हमला कर उसे अपना शिकार बनाया, वहीं यदि इंसान खड़ा रहता तो बाघ हमला नहीं करता।
सिंगरौली की ओर से आया है बाघ
गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में 6 बाघ है, जबकि एक मादा बाघिन अभी नजर नहीं आ रही है, कयास लगाए जा रहे है कि बाघिन फिर से गर्भवती है। इसके अलावा एक बाघ सिंगरौली मप्र की ओर से मनेन्द्रगढ़ वनमंडल में घुसा और फिर कोरिया वनमंडल होते हुए गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान पहुंचा और फिर वो अन्य स्थानों पर देखा जा रहा है। दो दिन पूर्व पार्क के 5 स्थानों पर एक ही दिन में 5 बाघों ने 5 मवेशियों का शिकार किया।
कब घोषित होगा टाइगर रिजर्व ?
फरवरी 2021 में एनटीसीए ने देश के 53वें टाइगर रिजर्व के लिए गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को अनुमति प्रदान की थी, जिसके बाद दो वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। इस दौरान पार्क प्रबंधन ने राज्य सरकार की सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी है। सिर्फ राज्य सरकार के नोटिफिकेशन का इंतजार है। भेंट मुलाकात में कोरिया पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से टाईगर रिजर्व के नोटिफिकेशन जारी नहीं होने के छत्तीसगढ़ के सवाल पर उन्होंने जल्द घोषणा की बात कही थी, परन्तु अब तक 8 महा बीत चुके है, अब तक राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी नही किया है, इधर लगातार बाघों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है।