बीजापुर

बासागुड़ा तर्रेम सडक़ अब बनेगी डबल लेन, परिवहन मंत्री ने ढाई सौ करोड़ किए स्वीकृत
13-Feb-2023 9:19 PM
बासागुड़ा तर्रेम सडक़ अब बनेगी डबल लेन, परिवहन मंत्री ने ढाई सौ करोड़  किए स्वीकृत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 13 फरवरी।
एक समय नक्सलियों के द्वारा बासागुड़ा-तर्रेम सडक़ पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दी गयी थी और इस सडक़ पर आवागमन बंद हो गया था। लेकिन अब सुरक्षा बलों की कड़ी चौकसी के बीच बासागुड़ा-तर्रेम सडक़ निर्माण पूर्ण हो चुकी है। इस सडक़ को अब डबल लेन निर्माण सहित पुल पुलियों के निर्माण के लिए केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने करीब ढाई सौ करोड़ की राशि स्वीकृत की है।

केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को ट्वीट कर  बीजापुर - आवापल्ली- बासागुड़ा- जगरगुंडा मार्ग के डबल लेन सडक़ और पुल पुलिया निर्माण के लिए एलडबल्यूई योजना के तहत 240.99 करोड़ रुपए लागत की स्वीकृति की जानकारी दी है।

इस सडक़ के बन जाने से क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन, पेयजल, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने के लिए आसानी होगी। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान 80 के दशक में बीजापुर से बासागुड़ा-जगरगुंडा होकर दोरनापाल तक इस मार्ग पर बसें चला करती थीं और बासागुड़ा एवं जगरगुंडा का बाजार गुलजार रहता था। लाल आतंक के चलते बाद में बसें बंद हो गयी और नक्सलियों ने इस सडक़ को जगह-जगह काट दिया था। वहीं पुल-पुलिया को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था।

नक्सलियों के दहशत के कारण कई ग्रामीण अपने गांव छोडक़र अन्यत्र चले गये थे। लेकिन अब सुरक्षा बलों की कड़ी सुरक्षा और सक्रिय सहभागिता से बासागुड़ा-तर्रेम सिंगल लेन सडक़ बन चुकी है। जिससे इस ईलाके के गांवों में विकास को बढ़ावा मिला है और ये गांव फिर से आबाद होने लगे हैं।

बासागुड़ा के ग्रामीण बताते हैं कि अविभाजित बस्तर जिले के दौरान 80 के दशक में यह क्षेत्र समृद्ध था, बीजापुर से दोरनापाल तक बसें चला करती थीं और वनोपज-काष्ठ का समुचित दोहन हो रहा था। इस ईलाके के किसान अच्छी खेती-किसानी करते थे, वहीं ग्रामीण संग्राहक वनोपज का संग्रहण कर स्थानीय बासागुड़ा बाजार में विक्रय करते थे। बासागुड़ा बाजार वनोपज के कारोबार से परिपूर्ण था। लेकिन आज से लगभग 20 वर्ष पहले लाल आतंक के चलते सडक़ बंद हो गयी और गांव के गांव वीरान हो गये थे।

अब शासन-प्रशासन के संकल्प से बासागुड़ा-तर्रेम पक्की सडक़ का सपना साकार हो गया है और ईलाके में विकास कार्यों को प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित किया जा रहा है। यही वजह है कि अब इस क्षेत्र के गांवों के ग्रामीण फिर से आकर बसने लगे हैं।  सडक़ बन जाने के बाद अब इस क्षेत्र मेें शांति एवं अमन-चैन की आस लेकर फिर से खेती-किसानी को बेहतर ढंग से करने सहित वनोपज संग्रहण एवं अन्य जीविकोपार्जन साधनों की ओर उन्मुख हो गये हैं।

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