गरियाबंद
सलप जलाशय के निरीक्षण में पहुंचे कलेक्टर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 26 फरवरी। नक्सल प्रभावित विकासखंड मैनपुर में सलप जलाशय योजना को फिर से धरातल पर लाने की कवायद शुरू हो गई है। कलेक्टर प्रभात मलिक एसडीएम हितेश पिस्दा जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम के साथ मैनपुर के अंतर्गत स्थित सलप जलाशय पहुंचे जहां उन्होंने क्षतिग्रस्त नाला क्लोजर का निरीक्षण किया।
उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारी से बांध ओर जलाशय में जलभराव क्षमता की जानकारी ली। वन विभाग के अफसरों को दिशा निर्देश दिया। जिससे सलप जलाशय निर्माण कार्य जल्दी प्रारंभ होने की उम्मीद से मैनपुर क्षेत्र के किसानों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है,
ज्ञात हो कि लगभग 55 वर्ष पुराने मैनपुर क्षेत्र के अधूरा सिंचाई परियोजना सलप जलाशय निर्माण को लेकर मैनपुर क्षेत्र के ग्रामीणों के द्वारा पूर्व में कई बार आंदोलन चक्काजाम पदयात्रा किया जा चुका है इसके बावजूद अब तक सलप जलाशय निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है जबकि सलप जलाशय निर्माण कार्य में 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है सिर्फ नाला क्लोजर का कार्य बाकी है यदि नाला क्लोजर कार्य पूण कर दिया जाए तो इससे मैनपुर क्षेत्र के 5 गांव के 289 हेक्टेयर में सिंचाई किया जा सकता है। कई बार क्षेत्र के किसानों ने सलप जलाशय निर्माण कार्य को पूरा करने की मांग कर चुके हैं लेकिन इस परियोजना में वन विभाग के द्वारा एनओसी नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य अब तक अधूरा पड़ा हुआ है गरियाबंद जिला बनने के बाद पहली बार कलेक्टर प्रभात मलिक ने पैदल डेढ़ किलोमीटर चलकर सलप जलाशय बांध क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे थे और इस निर्माण कार्य में आ रहे अड़चनों के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। सिंचाई विभाग के अफसरों ने बताया वन विभाग के द्वारा एनओसी नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य पिछले 55 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है
कलेक्टर प्रभात मलिक सलप जलाशय निरीक्षण करने के बाद अब उम्मीद है कि कलेक्टर के प्रयास से जल्द ही वन विभाग से एनओसी मिल जाएगी और सलप जलाशय निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा इस मौके पर जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम,एसडीएम हितेश पिस्दा , मनरेगा परियोजना अधिकारी रमेश कंवर एवं सिंचाई विभाग सहित विभिन्न विभाग के अधिकारी कर्मचारी स्थानीय जनप्रतिनिधि ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।