गरियाबंद

महिलाओं के अधिकार की रक्षा करने का आह्वान
10-Mar-2023 3:06 PM
महिलाओं के अधिकार की रक्षा करने का आह्वान

महिला सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
 नवापारा राजिम, 10 मार्च।
जन जागृति मंच के तत्वावधान में ग्राम पंचायत परसदा शाला प्रांगण में पांच ग्राम पंचायत (परसदा, उमरपोटी, हसदा, गिरोला, गोतियारढीह) से शाला प्रिंसिपल, महिला बाल विकास पर्यवेक्षक, महिला वकील, पंचायत प्रतिनिधि,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, समता सैनिक दल,विहान योजना सदस्य, महिलाओं के साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।

 इस कार्यक्रम के उद्देश्य को बताते हुए महिला हिंसा, प्रताडऩा,महिला अधिकार ,महिला सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर व महिला एकता जिंदाबाद नारा के द्वारा महिला एकता का परिचय दिया। सभी उपस्थित महिलाओं का श्री फल से सम्मान किया गया। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के द्वारा निर्मित सविधान में मिले महिलाओं के अधिकार की रक्षा व सभी जातिगत भेदभाव दूर करने का आह्वान किया गया।

जन जागृति मंच की संचालिका अजीत एक्का ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। महिलाओं के विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान तथा उपलब्धियों को पहचान दिलाने के लिए यह हर वर्ष मनाया जाता है। इस बात को नकारा नहीं जा सकता की आज के समाज में महिलाओं का योगदान पुरुषों के बराबर रहा है बल्कि वे पुरुषों से भी आगे निकल गयी हैं। शिक्षा के क्षेत्र से लेकर हेल्थ सेक्टर और ऐसे ही कई क्षेत्रों में जिसकी कल्पना पहले की सामाजिक स्थिति में करना नामुमकिन सा था उन सभी क्षेत्रों में महिलाओं का विशेष योगदान रहा है। किन्तु अभी भी समाज में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हे महिलायें सिर्फ घर की चार दीवारी में ही अच्छी लगती हैं। अभी भी भारत ही नहीं बल्कि विकासशील देशों में महिलाओं की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया है। हमें सविधान में मिले अधिकारों को जानना है और हम महिलओं को अपने हक के लिये सामने आना है।

ग्राम पंचायत सरपंच महेश्वरी साहू ने कहा कि नारी ही दुनिया आधार है हम नारी के बिना इस दुनिया की कल्पना भी नहीं कर सकते है,
प्रिंसिपल तिग्गा ने कहा कि अगर एक आदमी को शिक्षित किया जाता हैं तब एक आदमी ही शिक्षित होता हैं लेकिन जब एक औरत को शिक्षित किया जाता हैं, तब एक पीढ़ी शिक्षित होती हैं इसलिए अपने बेटे के साथ- साथ बेटियों को भी पढ़ाये और आगे बढऩे दें।

शिक्षा अधिकारी दर्शन सहारे ने कहा कि महिला दिवस की शुरुआत साल 1908 में न्यूयॉर्क से हुई थी, उस समय वहाँ मौजूद महिलाओं ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर अपनी जॉब में समय को कम करने की मांग को लेकर मार्च निकाला था. इसी के साथ उन महिलाओं ने अपने वेतन बढ़ाने और वोट डालने के अधिकार की भी मांग की थी. इसके एक वर्ष पश्चात अमेरिका में इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया गया।

ब्लाक काँग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष टिकेन्द्र बघेल ने कहा कि हमारी देश कि पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले जी के अथक प्रयासों से ही हमारी बहन माताओं को आज घर से बाहर निकलने व शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार मिला है, इसी शिक्षा के बल पर महिलाये आज हरेक क्षेत्र में आगे बढ़ पा रही है।

कार्यकर्ता प्रिंस कुमार ने महिलाओं का आभिवादन करते हुए कहा की आप सब अपना कीमती समय निकाल कर यहाँ आये उसके लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में वालिंटियर भोजबती, हेमलता, मोहिनी, उमेश्वरी,प्रतिमा साहू व सरपंच प्रतिनिधि तिलकराम सहित ग्राम वासियों का विशेष योगदान रहा।
 

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