गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 11 मार्च। गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लॉक के बरबाहली पंचायत में मनरेगा के कार्यों में भ्रष्टाचार करने का आरोप गांव के कुछ युवकों ने सरपंच पर लगाया है। आरोप है कि रांची के निजी मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग की क्लास लेने वाली प्रोफेसर बेटी को सरपँच ने मनरेगा मजदूर बनाया, वहीं सरकारी शराब दुकान का सेल्समैन, सफाईकर्मी व आंगनबाड़ी की सहायिका का नाम भी मजदूरों की सूची में है।
बताया जाता है कि बरबाहली पँचायत में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत सीएम भेंट मुलाकात कार्यक्रम में भी हुई, पर अब तक जांच तक नहीं हो सकी। बरबाहली के ग्रामीण देव कुमार, सीताराम, कंवल सिंह, फूलसिंह हीरालाल समेत 50 से भी ज्यादा ग्रामीण हस्ताक्षर कर प्रमाण सहित इसकी शिकायत 3 माह पहले भेंट मुलाकात में देवभोग पहुंचे सीएम भूपेश बघेल से कर चुके हैं। दिसम्बर के बाद युवको ने दोबारा कलेक्टर कार्यालय फिर देवभोग जनपद सीईओ को भी मामले की शिकायत की, लेकिन अब तक इस पर कार्रवाई तो दूर जांच तक शुरू नहीं हो सका।
रांची के नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाती है सरपंच की बेटी
ग्रामीणों के शिकायत पत्र के मुताबिक सरपँच सुमित्रा सिन्हा की बेटी रेखा देवी पिछले 7 साल से गांव में नहीं रहती। वह एमएससी नर्सिंग की पढ़ाई करने के बाद दो साल से रांची के एक नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाती है। विशेष मौके पर ही कभी कभार गांव में देखा गया है।
आरोप है कि 11 मार्च 2022 से 17 मार्च 2022 तक नेशनल हाइवे से बजाड़ी सीमा तक चले मिट्टी मुरम सडक़ कार्य के मस्टरोल में बेटी रेखा की 6 दिन की हाजिरी भरा गया है, इतना ही नहीं 20 सितंबर 22 को मजदूरी की राशि 1002 रुपये खाते में भी भेजा गया है।
शिकायतकर्ताओं ने कहा कि बेटी के नाम पर ऐसा कई बार मस्टरोल भरा गया है। शिकायत पत्र के मुताबिक सरपँच के बुजुर्ग सास-ससुर के अलावा देशी शराब में नियमित काम करने वाले देवर क्षमानिधि, आंगनबाड़ी सहायिका रेखा, इसके पति सफाईकर्मी जलन्धर, रायपुर कॉलेज में पढऩे वाली छात्रा गीतांजलि समेत इलाके के निजी संस्थानों में काम करने वाले लोगों के नाम पर मस्टरोल भरा गया है।
शिकायत कर्ता के मुताबिक इन सब गड़बड़ झाला के पीछे पति पुनित सिन्हा का हाथ है। पँचायत में कई काम के बिल भी पति के फर्म व वाहन के नाम से जारी किया गया है।
मामले में सरपँच सुमित्रा ने पक्ष रखने के लिए पति पुनीत राम को कहा। पुनीत ने कहा कि जो काम किया है उसी का मस्टरोल भरा गया है। नर्सिंग करने वाली मेरी बेटी ने भी श्रम किया है। श्रम करना कोई बुरी बात नहीं है, जिसको जैसा शिकायत करना है कर लेने दो।
मामले में जनपद सीईओ प्रतीक प्रधान ने कहा कि मामले की जांच प्रक्रिया में है,जल्द पूरी कर लेंगे, थोड़ा समय और लगेगा।
भरे बरसात में हुआ ऐसे नाला की सफाई जो है नहीं
मनरेगा में 2021 में ही खांदा तालाब से नीलांबर के घर तक नाला सफाई के लिए 9 लाख की स्वीकृति मिली। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक दर्शाए गए नाम पर कोई नाला ही नहीं है, फिर भी यहां 2021 में काम शुरू हुआ, 27 मार्च 21 से शुरु कर 15 जून 2021 तक काम चलाया गया। बरसात के समय फिर काम बन्द कर दिया गया, लेकिन इसी नाले के नाम मस्टररोल जारी करवा कर 13 से 19 जुलाई तक कुल 18 दिन काम के अलावा बोगस काम दर्शा कर 1 लाख से ज्यादा रकम फर्जी तरीके से आहरण किया गया। इस मामले की जाँच के आदेश 9 जनवरी 2023 को हुई, जिसे 7 दिन के भीतर जांच कर अभिमत जनपद अधिकारियों को देना था,पर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।