मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
एमसीबी प्रेस क्लब द्वारा आयोजित अभा हास्य कवि सम्मेलन में खूब जमा रंग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 12 मार्च। होली पर्व के अवसर पर एमसीबी प्रेस क्लब द्वारा अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन पुराना नगर पालिका तिराहे में किया गया। देर रात तक चले इस आयोजन में कवियों ने अपनी रचनाओं से बांधे रखा।
आयोजन की शुरूआत सम्मान समारोह से हुई जहां मनेंद्रगढ़ को मेडिकल कॉलेज की सौगात दिए जाने पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत, सांसद ज्योत्सना महंत, विधायक गुलाब कमरो, डॉ. विनय जायसवाल एवं नपाध्यक्ष प्रभा पटेल का स्वागत क्लब के सदस्यों एवं मनेंद्रगढ़ सांस्कृतिक मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया। इस मौके पर अपने उद्बोधन में डॉ. महंत ने कहा कि जब केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल मनेंद्रगढ़ आए थे, उस दौरान मनेंद्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज की घोषणा की गई थी, लेकिन तात्कालीन अधिकारियों द्वारा भूमि उपलब्ध न कराए जाने के कारण कार्य आगे नहीं बढ़ पाया। अब एक बार पुन: प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मनेंद्रगढ़ के लोगों का पुराना सपना पूरा हुआ है। इस मौके पर उन्होंने एमसीबी प्रेस क्लब अध्यक्ष रंजीत सिंह को उनके जन्मदिन पर अपनी शुभकामनाएं एवं आयोजन के लिए बधाई दी।
आयोजन के अगले क्रम में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आगाज माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं पुष्पार्चन से हुआ। इस मौके पर मंच पर कवि सम्मेलन के संचालक नरेंद्र मिश्र धडक़न के साथ रामबाबू सिकरवार धौलपुर, दिनेश गुक्कज प्रतापगढ़, मुकेश मनमौजी छपरा सिवनी, निशा आनंद तिवारी दुर्ग, शिव किशोर तिवारी बाराबंकी (उप्र), अतुल उपाध्याय सीधी व रामचरित द्विवेदी मनेंद्रगढ़ ने काव्य पाठ किया। धौलपुर से आए रामबाबू सिकरवार ने पैरोडी गीतों के माध्यम से जमकर रंग जमाया।
उन्होंने सभी भ्रष्टों को भेजो तिहाड़ दिलवाके सजा लोकपाल से पैरोडी पर जमकर वाहवाही बटोरी। वहीं सीधी से आए अतुल उपाध्याय ने रिश्तों की मर्यादा पर अपनी बात रखी। निशा आनंद तिवारी ने माँ सरस्वती की वंदना के साथ श्रृंगार के मुक्तक पढक़र सम्मेलन में रस बरसा की। वहीं बाराबंकी के शिवकिशोर तिवारी ने देशभक्तिपूर्ण मुक्तक सुनाकर लोगों को भावविभोर कर दिया।
मनेद्रगढ़ से रामचरित द्विवेदी ने होली और बेटी पर अपनी रचनाएं पढ़ीं जिसमें बिटिया की सुन बात जाग उठे जज्बात, तेरे लिए पान क्या जहाँ सारा छोड़ दूं सुनाकर उन्होंने पिता-पुत्री के रिश्तों की गहराई को महसूस कराया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे नरेंद्र मिश्र धडक़न ने - कुमकुम, केशर, अबीर लाया हूं, चंदन वन से समीर लाया हूं। इस सदन में कुबेर बैठे हैं मैं तो केवल कबीर लाया हूं, सुनाकर मंच को नई ऊंचाईयां दी। वहीं अन्य कवियों ने अपनी रचनाओं से जहां सामाजिक विसंगतियों पर बेबाक तरीके से अपनी बात रखी वहीं मुक्तक व गीतों से आयोजन को सार्थकता प्रदान की।
इस मौके पर कलेक्टर पीएस धु्रव, एसपी टीआर कोशिमा, एडिशनल एसपी निमेश बरैया, एसडीओपी राकेश कुर्रे एवं प्रेस क्लब के अध्यक्ष रंजीत सिंह, रामप्रसाद गुप्ता, सतीश गुप्ता, श्रीकांत शुक्ल, गुरदीप अरोरा, रमन सिंह, रविकांत सिंह, शिव यादव, रफीक मेमन, प्रवीण निशी, राजीव वर्मा, सरवर अली, वेदप्रकाश तिवारी, विनीत जायसवाल, दिनेश द्विवेदी, संजय केशरवानी, शराफत अली, राजेश सिन्हा, धीरेंद्र विश्वकर्मा, शकील शेख समेत जिले भर के पत्रकार काफी संख्या में मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन सतीश गुप्ता एवं आभार प्रदर्शन रामचरित द्विवेदी ने किया।