रायगढ़

अंतत: बुरी तरह घायल मादा भालू ने भी दम तोड़ा
13-Mar-2023 3:41 PM
अंतत: बुरी तरह घायल मादा भालू ने भी दम तोड़ा

फेंसिंग तार में फंसकर हुई थी भालू शावक की मौत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 13 मार्च। 
रायगढ़ जिले के तमनार वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम कर्मागढ़ में होली के दिन प्लांटेशन के फेसिंग वायर में फंसकर जहां एक भालू शावक की मौके पर ही मौत हो गई थी वहीं मादा भालू को घायल अवस्था में इंदिरा विहार लाया गया था जहां उसने भी उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वन विभाग के द्वारा शनिवार को अंतिम संस्कार कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

जानकारी के अनुसार 8 मार्च की सुबह तमनार वन परिक्षेत्र के कर्मागढ़ गांव के ग्रामीणों ने भालू के चिल्लाने की आवाज की आवाज पर जब मौके पर पहुंचे तो वहां दो भालू प्लांटेशन के लिये लगाये गए फेंसिंग तार में बुरी तरह फंसे हुए थे। जिसमें से भालू शावक की मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों की सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों के सहयोग से बुरी तरह घायल मादा भालू को तार से निकालकर उसके उचित उपचार हेतु उसे इंदिरा विहार लाया गया था, जहां मादा भालू के जबड़े और पैर में गंभीर चोट लगने की वजह से शुक्रवार की रात उसकी भी मौत हो गई। वन विभाग की टीम के द्वारा शनिवार की सुबह मृत भालू का अंतिम संस्कार किया गया।  

वन्यप्राणियों के लगातार हो रहे अवैध शिकार
कर्मागढ़ गांव के ग्रामीणों ने बताए अनुसार आसपास के क्षेत्र में पिछले लंबे समय से कुछ ग्रामीणों द्वारा अवैध शिकार के जरिये जंगली सूअर, खरगोश, चीतल आदि वन्यप्राणियों का शिकार किया जाता रहा है। कुछेक मामले सामने आने के बाद विभाग उन कार्रवाई करती है, परंतु अवैध शिकार के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहा। होली के दिन भी कुछ अज्ञात लोगों द्वारा जंगली सूअर, खरगोश के शिकार के लिये बिछाए गए फंदे में पहले दोनों भालू फंसे उसके बाद फेंसिंग वायर में बुरी तरह फंस गए, जिससे भालू शावक की मौके पर ही मौत हो गई बाद में मादा भालू ने भी उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।

10 दिन के भीतर 3 वन्यप्राणी की मौत
चारों तरफ पहाड़ों व जंगलों से घिरे रायगढ़ जिले के जंगलों में कई प्रकार के वन्य प्राणी विचरण करते हैं। विगत 4 मार्च को इंदिरा विहार के पीछे रायगढ़ वन परिक्षेत्र में आने वाले संबलपुरी मार्ग में एक अज्ञात वाहन की ठोकर से एक चीतल बुरी तरह घायल हो गया था, जिसे राहगीरों की सूचना के बाद विभाग के अधिकारियों द्वारा इंदिरा विहार लाकर उसका उपचार किया जा रहा है। परंतु उसकी भी मौत हो गई। वहीं अब तमनार वन परिक्षेत्र में 2 भालू की मौत की घटना को मिलाकर 10 दिन के भीतर 3 वन्यप्राणियों की मौत हो चुकी है।  

गर्मी आते ही वन्यप्राणियों की मौतों में होता है इजाफा
यूं तो वन विभाग के अधिकारियों द्वारा जंगली जानवरों की सुरक्षा और गर्मी के दिनों में भी भोजन पानी उपलब्ध कराने के कई दावे किये जाते हैं। मगर उनके यह दावे हर साल खोखले साबित हो जाते हैं जब एक के बाद एक भोजन और पानी की तलाश में जंगलों से निकलकर वन्यप्राणी रिहायशी इलाकों में पहुंचे है जहां उनका शिकार हो जाता है या फिर कुत्तों के हमलों से या किसी भारी वाहन की चपेट में आकर उनकी मौत हो जाती है।  

इस संबंध में तमनार वन परिक्षेत्र के रेंजर सीआर राठिया ने बताया कि होली के दिन फेंसिंग तार में फसकर भालू शावक की मौत हो गई थी। मादा भालू घायल थी, जिसका उपचार जारी था, परंतु शुक्रवार की रात उसकी भी मौत हो गई। शनिवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। 

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