रायगढ़

ग्रामसभा में किसानों ने भरी हुंकार
14-Mar-2023 6:26 PM
ग्रामसभा में किसानों ने भरी हुंकार

   नहर में पानी नहीं तो नहीं देंगे जमीन   
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 14 मार्च।
जिले के नेतनागर गांव में नहर निर्माण का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीन दिन से लगातार चल रहे गतिरोध और कल की बेनतीजा वार्ता के बाद आज ग्राम सभा की बैठक बुलाई गई थी जिसमें जिले के सभी राजनीतिक दलों के नेता, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान किसान पंचायत ने एक स्वर में निर्णय लिया कि जब नहर में पानी नहीं तो वे अपनी जमीन भी नहीं देंगे, चाहे इसके लिये उन्हें सडक़ की लड़ाई ही क्यों न लडऩी पड़े।

बैठक में सभी ग्रामीणों सहित नेताओं ने भी कहा कि जब डैम की ऊंचाई काम कर दी गई है तो यहां तक नहर का पानी कैसे आएगा ? जब गांव में नहर का पानी ही नहीं आएगा तो जमीनों और घर को बर्बाद करने सरकार और प्रशासन क्यों उतारू है ?

किसान एकजुट पर राजनीति हुई शुरू
ग्रामसभा के दौरान कांग्रेस नेता शंकर अग्रवाल ने कहा कि जहां नहर बनी है, वहां भी अभी तक पानी नहीं पहुंच पाया है तो यहां पानी कैसे पहुंचेगा? जब नहर में पानी ही नहीं पहुंचेगा तो नहर बनाना ही क्यों ?
  
इस मुद्दे पर बोलते हुए भाजपा नेता विकास केडिया ने ग्रामीणों की लड़ाई में पूरा समर्थन देने की बात कही चाहे प्रशासन और सरकार कुछ भी कर ले। वहीं भाजपा के युवा नेता शक्ति अग्रवाल ने भी इस मामले में लड़ाई तेज करने की बात की। भाजपा नेता सुरेंद्र पाण्डेय ने कहा कि यहां प्रशासनिक आतंकवाद है और नौकरशाह किसी की नहीं सुन रहे हैं ऐसे में सडक़ की लड़ाई ही विकल्प है।

पंचायत की बैठक में मौजूद सभी ग्रामवासियों ने एकमत होकर कहा कि वो इस नहर के निर्माण का विरोध करते हैं। भाजपा नेता विलिस गुप्ता इसके तकनीकि पहलू पर बात करते हुए बताया कि इसके बनने से भी क्षेत्र को कोई लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि यह क्षेत्र केलो नहर परियोजना का टेल प्वाइंट एरिया है जो कि चढ़ान क्षेत्र है जहां नहर बनने के बावजूद भी पानी नहीं आएगा। अभी तक भारत के किसी भी बांध का पानी टेल प्वाइंट तक नहीं पहुंच पाया है।

इस दौरान पंचायत में उपस्थित ग्राम के प्रमुख किसान नेता लल्लू सिंह ने कहा कि कल रायगढ़ विधायक प्रकाश नायक भी गांव आए थे लेकिन उन्होंने अंत तक यह स्पष्ट नहीं कहा कि वो प्रशासन के साथ है अथवा ग्रामीणों के साथ। जिसको लेकर नेतनागर के ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।  

अंत में सामाजिक कार्यकर्ता व किसान आंदोलन में भी भूमिका निभाने वाले राधेश्याम शर्मा ने कहा कि हम आंदोलन कानूनी और सडक़ की लड़ाई एक साथ लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को एकजुट होकर अपनी लड़ाई लडऩी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि किसान देश का रीढ़ है और उसके जमीन पर इस तरह की ज्यादती बर्दाश्त नहीं की जायेगी। चाहे चक्काजाम करना हो या जेसीबी के आगे खड़ा होना हो हम ग्रामीणों के साथ खड़े रहेंगे।

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