बालोद

पति कहते थे बेटियों के लिए करना है कुछ विशेष, पत्नी ने की इच्छा पूरी
15-Mar-2023 2:17 PM
पति कहते थे बेटियों के लिए करना है कुछ विशेष, पत्नी ने की इच्छा पूरी

23 गरीब बच्चियों का सुकन्या समृद्धि खाता खोला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बालोद, 15 मार्च।
बालोद जिले के जिला न्यायालय में सहायक ग्रेड 3 के पद पर कार्यरत एक महिला ने ऐसी मिसाल पेश की है, जिससे हर व्यक्ति को प्रेरणा लेनी चाहिए। दरअसल, उमेश्वरी जिला न्यायालय में सहायक ग्रेड 3 में अपने पति के जगह अनुकंपा नियुक्ति में कार्य करती है। कोरोना वायरस के संक्रमण काल के दौरान उसके पति की मृत्यु हो गई यह घटना वर्ष 2021 की है और उनके पति काफी नेक दिल और समाजसेवी थे।

उनका कहना था कि हमें बेटियों के लिए कुछ ना कुछ करना चाहिए, जिसके बाद से उनके पति का सपना तो अधूरा रह गया परंतु उनकी पत्नी ने यह बीड़ा उठाया है। दरअसल उमेश्वरी ने बालूद शहर के शिकारीपाड़ा के 23 बच्चियों का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया है और उसमें प्रतिवर्ष पांच 500 रुपए भी जमा कर रही है।

आंगनबाड़ी आई तब पता चला
उमेश्वरी सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि उमेश्वरी दीदी काफी सक्रिय महिला है और बच्चों से काफी प्रेम करती है उमेश्वरी ने कहा, जब मैं आंगनबाड़ी पहुंची जब मेरी बच्ची पड़ती थी तो मैं यहां उसके अन्य साथियों से भी मिलती थी तब पता चला कि यहां पढऩे वाले बच्चे बहुत गरीब हैं और उनके माता-पिता को सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में पता नहीं है किसी भी बालिका का खाता नहीं खुला है, जिसके बाद मैंने एक पहल शुरू की और परिजनों ने भी इसमें अपनी सहमति दिखाई।

पिछले वर्ष 11 इस वर्ष 12
उमेश्वरी ने बताया कि पिछले वर्ष उन्होंने 11 सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाया था और इस वर्ष बारह सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाए हैं। इस तरह कुल 23 सुकन्या समृद्धि खाता खुल चुका है, और आगे भी यह जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यदि उनकी आर्थिक स्थिति और मजबूत होती है तो वे ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं का खाता खुलवाना चाहेगी। हाल ही में भी सहायक ग्रेड 3 के पद पर हैं और उनकी तनख्वाह केवल 13 हजार रूपये मात्र है।

2021 से है पदस्थ
जब हमने उमेश्वरी के बारे में पता लगाया तो पता चला कि वह जिला न्यायालय में सहायक ग्रेड 3 के पद पर वर्ष 2021 से पदस्थ है और उनके पति की मृत्यु संक्रमण काल में हो गई थी, उनका मूल निवास भिलाई है लेकिन वह यहां पर किराए के मकान में रहते हैं उनके पति का नाम स्वर्गीय प्रकाश कुमार सिंह हैं वे सहायक ग्रेड 2 में पदस्थ थे।

पति कहते थे करना है कुछ अनोखा
उमेश्वरी ने बताया कि उनके पति हमेशा बच्चों के लिए कुछ करने की बात कहते थे, और जिस समय में भिलाई में पदस्थ थे उस समय वे कहते थे कि हम ग्रामीण क्षेत्रों में किराए का मकान लेकर रहेंगे और वहां रहने वाले बच्चों के लिए कुछ स्पेशल करेंगे, जिसके बाद से उनका सपना अधूरा रह गया।

जानिए बच्चों के नाम
जिनका खाता उमेश्वरी ने खुलवाया है उनका नाम यक्षिता, रोहांसी, वैष्णवी, रियाश्री, गरिमा, वाणी, प्रिंसि, प्रिया, शौम्या, जानवी, आराध्या, डिंपल, लीना सिन्हा, गुनीता है इसके सहित अन्य बच्चों के नाम पर खाता खोला गया है और उनकी बेटी का नाम शक्ति सिंह राजपूत है वह महज 6 वर्ष की है।

बच्चों और आंगनबाड़ी ने कहा नेक कार्य
उन्होंने बेटियों के नाम से खाता खोलने से पहले उनके माता-पिता की अनुमति ली थी बच्चों के पालकों ने अनुमति दी, तब खाता खुलवाया और उमेश्वरी के इस पहल की पूरे जिले भर में जमकर चर्चा हो रही है। जब डाक घर में बेटियों के नाम से खोले खाते को उनके पालकों मां व पिता को दिया, तो उनके इस कार्य की सराहना की। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी उमेश्वरी के इस काम की सराहना की है।
 

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