कोरिया

मरीजों को लाने ले जाने वाले आधा दर्जन से ज्यादा वाहन हो रहे कंडम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुंठपुर (कोरिया), 15 मार्च। कोरिया जिले के सीएमएचओ विभाग में अधिकारियों के आने जाने के लिए सरकार ने कई वाहन उपलब्ध कराए है, परन्तु सभी के सभी कंडम होकर कार्यालय के सामने कोविड अस्पताल के आसपास खड़े है, इसमें 2 सूमो वाहन अच्छी कंडीशन में चलायमान है। इसके अलावा मरीजों के लिए विभिन्न मदों से आई 4 से ज्यादा एंबुलेंस सीएमएचओ कार्यालय से लेकर जिला अस्पताल में खड़ी है जिनके पार्ट चोरी हो रहे है। सीएमएचओ का मिली टाटा सफारी धूल खा रही है। अधिकारी लग्जरी वाहनों में अपने निजी कार्यों में भी अवकाश के दिन जमकर उपयोग कर रहे है, जिसका भुगतान एनएचएम से किया जा रहा है।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ आरएस सेंगर का कहना है कि जब मैं अक्टूबर में ज्वाईन किया तब से समस्या है, हमें रायपुर जाना पड़ता है बाहर जाना पड़ता है, उसके लिए जो सफारी वाहन है सुरक्षित नहीं है। जब उनके पूछा गया कि अवकाश के दिन भी लग्जरी वाहनों को पूरे दिन अपने निजी कार्यों के लिए किया जा रहा है, क्या ऐसा किया जा सकता है। उनका कहना था कि जो वाहन हम उपयोग कर रहे है, उसका भुगतान एनएचएम से किया जा रहा है। 28 लाख के बिलों का भुगतान बाकि है। हमने ड्रायवरों से बुलाकर उसमें हुए मरम्मत कार्यों की जानकारी ले रहे है, जो पूर्व में लिपिक था उसे हटा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार कोरिया जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में तत्कालिन सीएमएचओ के समय से वाहनों की मरम्मत, ईंधन, और किराए के वाहनों में अनाप-शनाप खर्च किया गया, सीएमएचओ बदले, वाहन शाखा प्रभारी को हटाया, 6 माह होने को है आज तक विभाग प्रमुख को हटाए गए शाखा प्रभारी ने सारे दस्तावेज और वाहनों का हिसाब नहीं दिया है। जिसमें 28 लाख के बिलों को भुगतान बाकी है। अब विभाग को यह समझ नहीं आ रहा है कि भुगतान कर तो दे, परन्तु जो सामान वाहनों में लगा है और वाहनों से निकला सामान उसे कहां से लाएंगें।
मामले में सीएमएचओ के ढुलमुल रवैए के कारण दर्जनों सरकारी वाहन कंडम हो रहे है। आज 6 माह बीत जाने के बाद भी उनके कार्यालयों में रखे सरकारी वाहनों को दुरूस्त करवाने में उन्होनें कोई रूचि नहीं दिखाई, क्योंकि स्वयं सीएमएचओ और उनके मातहत अधिकारियों को इसकी कोई परवाह नहीं है वे सभी लग्जरी किराए के वाहनों को अपना निजी वाहन समझ कर उपयोग कर रहे है। अवकाश के दिन भी ये किराए के वाहन निजी कार्यो में दौड़ते नजर आते है। पेट्रोल और डीजल के दामों में इजाफे के कारण इन किराए के वाहनों का प्रतिदिन किराया भी ज्यादा है। इन वाहनों के लॉग बुक में एडजेस्टमेंट किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सरकार को दोहरी आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है।
इधर, विभाग के अफसर लग्जरी वाहनों में आना जाना कर रहे है तो मरीजों को लाने ले जाने वाली कई एंबुलेंस धूल खा रही है कुछ तो जिला अस्पताल के पीछे पड़ी है, तो कुछ सीएमएचओ कार्यालय के सामने खड़ी हुई हैं इनकी भी सुध लेने विभाग के पास समय नहीं है।
रायपुर बिलासपुर जाने में सुरक्षित नहीं
सीएमएचओ श्री सेंगर का कहना है कि सरकार ने जो उन्हें वाहन दिए है वो रायपुर बिलासपुर जाने के लिए सुरक्षित नहीं है, परन्तु स्थानीय कार्यालय और कलेक्टर कार्यालय से लेकर 10 किमी दूर पटना चरचा सोनहत तो इस वाहन से आया जाया जा सकता है। परन्तु लोकल स्तर पर आने-जाने के लिए प्रतिदिन किराए के लग्जरी वाहनों को उपयोग किया जा रहा है।
गौरतलब है कि सरकार ने सीएमएचओ को टाटा सफारी वाहन क्रमांक सीजी 02 4615 दे रखा है और इस वाहन को बिना अधिकारी आते जाते भी देखा जा सकता है, इसके अलावा सूमो सीजी 02 2166 एकदम दुरूस्त है इसका उपयोग किया जा रहा है। सीजी 02 2800 के साथ सीजी 02 3624, सीजी 02 3627 भी खड़ी हुई है, इनमें से एक वाहन टीबी कार्यक्रम के लिए सरकार ने प्रदान की है।