महासमुन्द
कहा-सनातन धर्मावलम्बियों को अपने संस्कार नहीं छोडऩा चाहिए
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,16 मार्च। देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने तथा धर्मांतरण कने का उद्देश्य के साथ कल दर्जन भर से अधिक संतों एवं साध्वियों की पदयात्रा कनेकेरा होते हुए महासमुंद पहुंची। इस बीच सनातन धर्मावलंबियों ने संत समाज का आतिशी स्वागत किया। बाद लोहिया चौक में संतों ने धर्मसभा को संबोधित कया। संतों ने कहा कि सनातन धर्मावलम्बियों को अपने संस्कार नहीं छोडऩा चाहिए। ललाट पर तिलक लगाना हर हिंदुओं का संस्कार है। मिली जानकारी के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन पदयात्रा की शुरुआत गई जो कल 28वें दिन महासमुंद पहुंची। अगले दो दिनों में यहयात्रा राजधानी पहुंचेगी।
कल संतों ने बताया कि पदयात्रा का उद्देश्य सामाजिक समरसता और धार्मिक चेतना जगाना है। यह हिन्दू स्वाभिमान संत पदयात्रा विश्व हिन्दू के साथ ही सनातन धर्म को लेकर लोगों को जागरूक करना है। श्रद्धालुओं ने संत कौशल रामनामी, राम भगत रामनामी व अन्य संतों का स्वागत किया। संत कौशल रामनामी और राम भगत रामनामी ने बताया कि दंतेवाड़ा से इस पदयात्रा की नव शुरुआत की गई है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू राष्ट्र बनाने और छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों में तेजी से हो रहे धर्मांतरण को रोकना है। इनका कहना था कि जिस तरह से हिंदू धर्म को छोड़ कई लोग अपना धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। और अपने धर्म के प्रति जागरूक नहीं हैं। ऐसे लोगों को जगाने और उन्हें घर वापसी कराने के लिए इस पदयात्रा की शुरुआत की गई है। पदयात्रा में हर जिले से संत और विभिन्न हिंदू का संगठनों के लोग जुड़े हंै। कल 17 मार्च को रायपुर में इस पदयात्रा का समापन होगा और 19 मार्च को संतों का समागम होगा।