महासमुन्द
मामला-गढफ़ुलझर गांव में पांच म़ज़दूरों की मौत का
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,17 मार्च। गढफ़ुलझर गांव के ईंट भट्ठा हादसे में घायल मनोहर पिता गंगाराम बीसी अब खतरे से बाहर है और चल-फि र रहा है। इस वक्त डीके हॉस्पिटल रायपुर के बर्न यूनिट में उनका उपचार चल रहा है। उनके शरीर के अनेक स्थानों पर जलने के घाव हैं।
मालूम हो कि उक्त भ_े में मंगलवार की रात 5 श्रमिकों की दम घुटने से मौत हुई थी और मनोहर को गंभीर हालत में रायपुर अस्पताल भेजा गया था। इस मामले में गढफ़ुलझर के ईंट भ_ा संचालक कुंजबिहारी पाड़े से परसों बुधवार की रात पुलिस ने पूछताछ की है।
बसना थाने में कुंज बिहारी पर गैर इरादतन हत्या की धारा 304 कायम है। घटना के बाद खनिज विभाग ने भी कुंज बिहारी को ईंट निर्माण संबंधी वैध दस्तावेज हफ्ते दिनों के भीतर प्रस्तुत करने नोटिस जारी किया है।
बसना थाना प्रभारी कुमारी चंद्राकर ने बताया कि लापरवाही पूर्वक देर रात तक ईंट भ_ा में काम हुआ है। आग लगाने के पश्चात भी मजदूूरों से काम लिया जा रहा था। भट्ठे के अलावा मजदूरों का पंजीयन भी श्रम विभाग में नहीं हुआ था। सभी की मर्ग जांच, पंचों के कथन, घटना स्थल निरीक्षण एवं आसपास के ग्रामीणों के कथन के अलावा डॉक्टर से प्राप्त पीएम रिपोर्ट के आधार पर मामला 304 दर्ज किया गया है।
श्रम विभाग में पंजीयन होता तो मृत प्रत्येक मजदूरों के परिवार को 1-1 लाख मुआवजा मिलता।
दिनेश कुमार भार्गव जिला खनिज अधिकारी का कहना है कि गढफ़ुलझर के दुर्घटना कारित इंट भ_े की ईंटों को जब्त करते हुए र्इंट भ_ा मालिक कुंजबिहारी से ईंट बनाने संबंधी अनुज्ञा पत्र एवं संबंधित वैध दस्तावेज 7 दिन के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। ईंट भ_ा मालिक कुंजबिहारी द्वारा 7 दिनों के भीतर संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर खनिज अधिनियम के तहत पेनाल्टी की कार्रवाई की जावेगी। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा मजदूरों का पंजीयन दो प्रकार से भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल एवं असंगठित कर्मकार के रूप में किया गया होता तो श्रम विभाग द्वारा प्रत्येक मजदूर को 1-1 लाख रुपए दिया जाता। मामले की जांच कर जानकारी कलेक्टर महासमुंद निलेश क्षीरसागर को भेज दी गई है।