गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 17 मार्च। पिछले कुछ माह से राशन दुकानों से मिलने वाले चावल में प्लास्टिक चावल मिलने की अफवाह सोशल मीडिया के माध्यम से आ रही है, जो की गलत खबर है। इस बात को पूर्व पालिका अध्यक्ष विजय गोयल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जनमानस में आई भांति को दूर करने का प्रयास किया है। श्री गोयल ने बताया है कि लोग जिसे प्लास्टिक चावल कह रहे हैं, असल में वह फोर्टीफाईड राईस है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है, कि कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले हमारे देश में लगभग हर दूसरी महिला एनीमिया से झूझ रही है, जबकि हर चौथा बच्चा कुपोषण से ग्रसित है। आकड़े बताते है, की 70 फीसदी लोगों को जरूरी पोषक तत्वों का 50 फीसदी भी नही मिल पाता है। इस बात को समझते हुए 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली के लाल किले से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने फोर्टीफाईड चावल दिए जाने की बात कही थी।
उन्होंने कहा था की देश के हर गरीब व्यक्ति तक पोषण पहुंचाना भी सरकार की प्राथमिकता है। केंद्र सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबो को देती है, उन्हें पोषण युक्त चावल दिया जा रहा है। कुपोषण एवं एनीमिया को खत्म करने के लिए 100 फीसदी फोर्टीफाईड राईस राशन दुकानों के माध्यम से वितरण किया जा रहा है। इस योजना में करीव केन्द्रीय सरकार का 4270 करोड़ रूपये का खर्चा आएगा, यह फैसला बच्चों में पोषक तत्वों और महिलाओं में खून की कमी को देखते हुए लिया गया है।
श्री गोयल ने बताया कि आसान भाषा में समझे तो फोर्टीफाईड राईस का मतलब है पोषण युक्त चावल। उक्त फोर्टीफाईड राईस में सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा को कृत्रिम तरीके से चढ़ाया जाता है, जिस तरह साधारण समुद्री नमक में आयोडीन मिलाकर उसे आयोडाइज बनाया जाता है।
चावल को फोर्टीफाइड बनाना भी इसी प्रकार की प्रक्रिया है, फोर्टीफाईड राईस में आयरन, विटामिन बी-12, फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते है। पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा की वजह से फोर्टीफाईड राईस की न्यूत्रिशनल वैल्यू भी काफी ज्यादा होती है, यानी इस चावल को सेवन करने वाले लोग कुपोपण का शिकार नहीं होंगे, केंद्र सरकार का उद्देश्य भी यही है। कुपोषण दूर करने के लिए ही देश के प्रधानमंत्री ने फोर्टीफाईड राईस को जरिया बनाने का निर्णय लिया है।
श्री गोयल ने कहा कि चूंकि मैं स्वयं राईस मिल का सं्चालन करता हूँ। भारतीय खाद्य निगम एवं नागरिक आपूर्ति निगम के निर्देशानुसार कस्टम मिलिंग कार्य से उत्पादित चावल के एक किलोग्राम में 10 ग्राम फोर्टीफाईड राईस मिलाना आवश्यक है, जिसके लिए प्रत्येक मिलों में मिक्सिंग प्लांट लगे हुए है, जो लोग राशन दुकानों के माध्यम से चावल प्राप्त कर खाने के उपयोग में ला रहे है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि लोग जिसे प्लास्टिक चावल समझ रहे है, वास्तव में वह फोर्टीफाईड चावल है, कृपया इसका सेवन अवश्य करे किसी भी प्रकार की भांति में न रहे।