बस्तर

सिर पर पट्टी बांधकर डॉक्टरों ने किया विरोध प्रदर्शन, मांगी सुरक्षा
17-Mar-2023 9:08 PM
सिर पर पट्टी बांधकर डॉक्टरों ने किया विरोध प्रदर्शन, मांगी सुरक्षा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 17 मार्च। 
सूरजपुर में होली के दिन डॉक्टर के ऊपर हुए हमले के विरोध में शुक्रवार को मेकाज के डॉक्टरों के द्वारा सिर पर पट्टी बांध कर अपना विरोध प्रदर्शन किया, साथ ही डॉक्टरों के लिए सुरक्षा व्यवस्था की बात कही गई।

इस विरोध प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हुए जूडो अध्यक्ष डॉ. कमलेश ने बताया कि लगातार छत्तीसगढ़ के कईयों मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल के अलावा अन्य जगहों पर डॉक्टरों के ऊपर जानलेवा हमला किया जा रहा है, जिसमें डॉक्टर पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है, असामाजिक तत्वों के द्वारा पूरी तरह से नियम कानूनों को तोड़ा जा रहा है, जिसके विरोध में  मेडिकल कॉलेज, इंस्टीट्यूट, पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल आदि जगहों पर डॉक्टरों के द्वारा सिर में पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया गया है।

सूरजपुर के जिला अस्पताल में डॉ. अनीश कुमार पर होली के दिन हुए हमले के अलावा कई और उदाहरण हैं, जिससे साबित होता है कि राज्य में सेवाएं दे रहे डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं। धनबल-बाहुबल और रसूख दिखाकर लोग मरीजों का इलाज करने वाले डाक्टरों को ही मारने-पीटने से बाज नहीं आ रहे। पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद तत्काल आरोपियों की रिहाई हो गई, जिससे डाक्टरों में गुस्सा है। मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट और एट्रोसिटी जैसे गंभीर गैर जमानती अपराधों में लिप्त होने के बावजूद आरोपियों का छूट जाना गंभीर बात है। छत्तीसगढ़ डाक्टर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी की ओर से सिर पर पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया गया।

 गुस्साए डाक्टरों का कहना है कि यदि आरोपियों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई न हुई तो राज्य भर के डाक्टर्स काम बंद करने बाध्य होंगे।  वही इस मामले में मेकाज के डॉ. केएल आजाद ने बताया कि सूरजपुर, अंबिकापुर के अलावा रायगढ़ में अगर देखा जाए तो केवल डॉक्टरों के ऊपर हमला करने वालों के चेहरे बदल रहे है, नीयत नहीं, उनका लक्ष्य आज भी डॉक्टर ही है, सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की बात कही गई है, लेकिन इस पर किसी भी तरह से कोई विचार नहीं किया गया है, डॉक्टरों पर हमला करने वाले किसी न किसी तरह से अपने आप को बचा ही ले रहे हंै, ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए।

डॉ. करुणा मेरावी का कहना है कि किसी भी तरह से डॉक्टर सुरक्षित नहीं है, अस्पताल आने वाले लोग जिनमें इन असामाजिक तत्वों के द्वारा महिला डॉक्टर के साथ रात में दुव्र्यवहार किया जाता है, जिसके कारण महिला डॉक्टर रात को अपने आप को असहज महसूस करते हैं, ऐसे आरोपियों के खिलाफ 24 घंटे के अंदर कार्रवाई होने के साथ ही एफआईआर दर्ज करते हुए कड़ी से कड़ी सजा दिलाया जाए।

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