महासमुन्द
पिथौरा, 18 मार्च। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, आदिवासी नेता एवं जनपद सदस्य करन सिंह ठाकुर ने प्रदेश सरकार की कार्यशैली को पूरी तरह छत्तीसगढिय़ा हित में बताते हुए इस वर्ष के बजट को भी ऐतिहासिक करार दिया है। श्री ठाकुर ने कहा कि प्रदेश निर्माण के बाद पहली बार विशुद्ध छत्तीसगढिय़ा मुख्यमंत्री बना है, जिसकी सोच में ही छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढिय़ा के विकास की है।
श्री ठाकुर ने ‘छत्तीसगढ़’ से विशेष चर्चा करते हुए बताया कि इस वर्ष भूपेश के बजट से 1 करोड़ से ज्यादा छत्तीसगढिय़ा सीधे लाभान्वित हुए है। ऐसा इसके पहले कभी नहीं हुआ।प्रदेश के निवासियों को भूपेश के मुख्यमंत्री बनते ही बिजली बिल हाफ का लाभ मिलने लगा था।
पीडीएस व स्वास्थ्य योजनाओं से भी करीब प्रत्येक तबका लाभान्वित हो रहा है।प्रदेश के किसान इसके पूर्व की सरकाए में बहुत परेशान थे। किसानों की आर्थिक दशा ठीक नही थी। जिसे देख कर मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होते ही श्री बघेल किसानों का कर्ज माफ कर राहत दी। इसके अलावा प्रदेश की मुख्य फसल धान किसानों को घाटे का सौदा साबित हो रहा था।
इसको लाभकारी बना कर धान का समर्थन मूल्य 2500 करने से अब प्रदेश के किसान भी पंजाब के किसानों की तरह सम्पन्न हो गए है। इसके अलावा राजीव गांधी न्याय योजना के तहत मजदूरों,भूमिहीनों को नगद आर्थिक सहायता प्रदान की गई, जिससे इनका जीवन स्तर सुधर चुका है।
प्रदेश में गोहत्या पर पूर्णत: प्रतिबंध के साथ प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौठान का निर्माण,किसानों एवं गोपालकों को मवेशी से हो रहे नुकसान की भरपाई करने गोधन न्याय योजना प्रारम्भ की गई जिसके तहत अब गोबर की खरीदी सरकारी तौर पर की जा रही है,जिससे किसानों का गौवंस पालन की ओर रुझान बढ़ा है।
भारतीय एवं छत्तीसगढ़ी संस्कृति को जीवित रखने छत्तीसगढ़ी ओलिंपिक का सृजन किया गया। प्रदेश वासियों के आराध्य एवं भारतीय संस्कृति के मूल भगवान राम के आदर्शों पर चलने की सिख हेतु प्रदेश में जहां जहां भगवान श्री राम के चरण पड़े थे। उस मार्ग पर श्रीराम वन गमन पथ का निर्माण कराया जा रहा है।
इसी योजना के तहत प्रदेश वासियों को भगवान राम के आदर्शों पर चलने की प्रेरणा देने के लिए अब प्रतिवर्ष रामायण प्रतियोगिता होने लगी है।श्री ठाकुर के अनुसार प्रदेश के मुखिया होने के नाते वे पूरे प्रदेश वासियों को अपना परिवार मान कर विकास कार्यों का इतिहास बना रहे है जिससे अन्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को भी सीख लेनी चाहिये।