रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 20 मार्च। सोमवार को प्रश्नकाल में धर्मजीत सिंह गौठान में अंडा उत्पादन का मुद्दा उठाया। धर्मजीत सिंह ने बताया कि पहले मुर्गियों को गोदरेज का दाना दिया जाता था, जिसकी वजह से अंडे का उत्पादन ज्यादा होता था, लेकिन बाद में मुर्गियों का दाना स्थानीय स्तर पर खरीदा जाने लगा, जिसकी वजह से मुर्गियां अब कम अंडा दे रही हैं। इस पर मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि ऐसी जानकारी नहीं है कि दाने की वजह से मुर्गियां कम अंडा दे रही है। उन्होंने कहा कि हो सकता है मुर्गियां उम्र में ज्यादा हो गयी हो, इसकी वजह से वो अंडा कम दे रही हो। हालांकि दाने की वजह से अंडा उत्पादन प्रभावित हो रहा है। इसके लिए विभाग के अधिकारियों से बात करेंगे।
पूरक प्रश्न में श्री सिंह ने बताया कि अंडा उत्पादन कम होने की बात दो आईएएस की मौजूदगी में महिलाओं ने दी है। इसलिए अगर पूर्व की भांति मुर्गियों को गोदरेज का दाना उपलब्ध कराया जायेगा, तो अंडे का उत्पादन बढ़ जाएगा। गौठानों को भी काफी फायदा होगा। जवाब में मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि इस मामले में वो अधिकारियों से बात करेंगे।
मंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा, क्या मुर्गियों से पूछा गया कि वो अंडे कम क्यों दे रही हैं? सुनकर सदन में हंसी गूंजी।
आपके डर से एक दिया क्योंकि मैं तो...
धर्मजीत सिंह ने इस दौरान अंडे को लेकर एक कहानी भी सुनायी। धर्मजीत सिंह ने कहा कि एक अधिकारी मुर्गियों के फार्म में पहुंचा। सभी मुर्गियों को कहा गया, जल्दी-जल्दी सब ज्यादा-ज्यादा अंडे दो। अधिकारी के डर से किसी मुर्गी ने 5 किसी ने 6 अंडे दिए। एक ने सिर्फ एक ही अंडे दिये। जिन मुर्गियों ने 5-6 अंडे दिये, सभी को शाबाशी मिली। एक ने सिर्फ एक अंडा दिया था, अधिकारी ने उसे डांटा। जैसा हमलोग आज यहां डांट रहे हैं। अधिकारी ने उससे पूछा, एक ही अंडा क्यों दिया।जवाब में उसने बताया कि मैं तो सिर्फ आपके डर से अंडे दिया हूं, वरना मैं तो मुर्गा हूं।