बालोद

चैत्र नवरात्रि पर मां गंगा मैया मंदिर में 801 आस्था के दीप होंगे प्रज्वलित
21-Mar-2023 2:22 PM
चैत्र नवरात्रि पर मां गंगा मैया मंदिर में  801 आस्था के दीप होंगे प्रज्वलित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बालोद, 21 मार्च। बालोद जिले के विख्यात शक्तिपीठ मां गंगा मैया मंदिर में चैत्र नवरात्र पर्व की तैयारियां शुरू हो चुकी है, यहां पर 22 मार्च से नवरात्रि की शुरुआत होगी और तैयारियां अंतिम चरणों में है। इस वर्ष मां गंगा मैया मंदिर में 801 आस्था के दीप प्रज्वलित किए जाएंगे, वहीं मेले को देखते हुए सुरक्षा को भी इस वर्ष बढ़ा दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी, वहीं मंदिर प्रबंधन द्वारा सामान्य दरों पर पूड़ी सब्जी सेवा महा प्रसादी जिसमें दाल चावल सेवा और स्वत: चरण धोने की व्यवस्था की गई है।

मां गंगा मैया के भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंदिर का स्वरूप भी हर साल बदलता जा रहा है। लगभग 133 साल पहले जिले की जीवन दायिनी तांदुला नदी पर नहर का निर्माण चल रहा था। झलमला की आबादी मात्र 100 थी। सोमवार को वहां बड़ा साप्ताहिक बाजार लगता था। बाजार में दूर-दराज से पशुओं के झुंड के साथ बंजारे आया करते थे। पशुओं की संख्या अधिक होने के कारण पानी की कमी महसूस की जाती थी। पानी की कमी को दूर करने बांधा तालाब की खुदाई कराई गई। गंगा मैया के प्रादुर्भाव की कहानी इसी तालाब से शुरू होती है।

ठीक दोपहर 12 बजे जलेंगे 801 दीप

मां गंगा मैया मंदिर की आस्था पूरे देश में विख्यात है, बल्कि विदेशों में भी मां गंगा मैया के भक्त हैं। कभी नवरात्रि के पर्व में विदेशी भक्तों को भी यहां देखा जा सकता है।

मंदिर ट्रस्ट से पालक सिंह ठाकुर ने बताया कि चैत्र नवरात्रि में इस वर्ष 801 आस्था के दीप प्रज्वलित किए जाएंगे, जिसकी तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी है। 22 मार्च को दोपहर 2 बजे पूजा अर्चना के साथ आस्था के दीप प्रज्वलित एक साथ प्रज्वलित किए जाते हैं। माता के गर्भ गृह से लेकर एक अलग दीप स्थान बनाया गया है, जहां पर कांच के माध्यम से दीप दर्शन की व्यवस्था भी गंगा मैया के माध्यम से की जा रही है।

होंगे विभिन्न आयोजन

मां गंगा मैया मंदिर में मंदिर प्रबंधन द्वारा विभिन्न आयोजन किए जाएंगे दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक संगीत में झांकी युक्त रामधुनी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिस जगह पर आयोजन किया जाएगा वहां पर हजारों लोगों की बैठने की व्यवस्था प्रबंधन द्वारा की गई है। साथ ही गर्मी और मौसम को देखते हुए पंडाल भी लगाए जा रहे हैं। प्रबंधन का कहना है कि भक्त आराम से आयोजनों का लाभ ले सके इस बात का पूरा ध्यान दिया जा रहा है।

विशेष रहती है यहां की पूड़ी सब्जी

मां गंगा मैया मंदिर में पूरी सब्जी की सेवा काफी विख्यात है, यहां पर रोजाना हजारों लोग पूड़ी सब्जी सेवा का लाभ लेते हैं। ज्ञात हो कि जब शुरुआत के दिनों में पूरी सब्जी की सेवा मात्र 2 रुपए से शुरू की गई थी, उसके बाद से लोगों का क्रेज इसके प्रति बड़ा और अब महंगाई बढऩे के साथ-साथ 10 रुपए कर दिया गया है, लेकिन यहां पर वहीं स्वाद और वही चार पूड़ी और आलू मटर की सब्जी भक्तों को परोसी जाती है।

जानिए माता की कहानी जाल में फंसी प्रतिमा

कहावतों के अनुसार एक दिन ग्राम सिवनी का एक केवट मछली पकडऩे के लिए बांधा तालाब में गया। तब जाल में मछली की जगह पत्थर की प्रतिमा फंस गई। केंवट ने अज्ञानतावश उसे साधारण पत्थर समझ फिर से तालाब में फेंक दिया।

मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा

गांव के गोंड़ जाति के बैगा को स्वपन में आकर कहा कि मैं जल के अंदर पड़ी हूं। मुझे जल से निकालकर प्राण प्रतिष्ठा कराओ। स्वप्न आने की जानकारी बैगा ने मालगुजार व गांव के अन्य लोगों को जानकारी दी। जाल फेंके जाने पर वहीं प्रतिमा फंसी।

समझा साधारण पत्थर

देवी मां की प्रतिमा को लेकर कई किवदंतिया प्रचलित है। केंवट के जाल में बार-बार फंसने के बाद मूर्ति को साधारण पत्थर समझकर फेंकने की घटना को वर्तमान में भी यहां के निवासरत लोग अपनी पूर्वजों से मिली जानकारी अनुसार सही मानते हैं।

यहां दिनभर होंगे कार्यक्रम

सभी ने मिलकर प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कराई। जल से प्रतिमा निकली, इस वजह से गंगा मैया के नाम से पहचान बनी। सुबह से शाम तक यहां धार्मिक कार्यक्रम होंगे। जिसे देखने व सुनने के लिए जिला सहित प्रदेश के कोने-कोने से लोग पहुंचेंगे।

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