धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 21 मार्च। आजाद हिन्द फौज के सैनिक मनराखन देवांगन 107 वर्ष का आज निधन हो गया। अंतिम संस्कार भटगांव के मुक्तिधाम में किया गया।
मनराखन लाल वैसे तो एक किसान के बेटे थे, लेकिन 1942 में वो दोस्तों के साथ रायपुर घूमने गए, जहां आजाद हिंद फौज में सबको भर्ती होने की अपील की जा रही थी। अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की लालसा में उन्होंने फौजी बनने का निर्णय लिया और फॉर्म भर दिया। बाद में उनकी कद, काठी, आंखों की विधिवत जांच की गई। फिजिकली फिट होने पर उस दौर के चौथी पास मनराखन को आजाद हिंद फौज में भर्ती कर लिया गया। पुणे में उन्हें हथियार चलाने और तमाम फौजी ट्रेनिंग मिली।
मनराखन लाल ने करीब 2 महीने पहले चर्चा में बताया था कि आजाद हिंद फौज में उन्हें 18 रुपये वेतन मिलता था। रिटायरमेंट के समय उन्हें 1000 रुपये दिए गए थे। उन्हें कभी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से सीधे मिलने का मौका नहीं मिला, लेकिन, सेना के मुखिया के तौर पर उनका भाषण जरूर सुना है। मनराखन लाल 1947 मेंं अपने गांव लौट गए और खेती बाड़ी करने लग गए।