महासमुन्द

महासमुंद, 21 मार्च। प्रदेश पंचायत सचिव संघ छग के आह्वान पर बसना जनपद परिसर में 102 ग्राम पंचायतों में पदस्थ सचिव संघ बसना के सचिवों ने अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर 16 मार्च से काम बंद कर दिया है। एक सूत्रीय मांग पंचायत सचिवों को परिवीक्षा अवधि के बाद शासकीयकरण करने को लेकर हड़ताल पर हैं।
हड़ताली पंचायत सचिवों का कहना है कि पहले मुख्यमंत्री ने दिसंबर 2022 तक पंचायत सचिव संघ की मांग को पूरा करने आश्वस्त किया था और पंचायत मंत्री ने भी भरोसा दिलाया था कि पंचायत सचिव संघ की शासकीयकरण की मांग को आगामी वित्तीय वर्ष 2023.24 के बजट सत्र में प्रावधान किया जाएगा। लेकिन पंचायत सचिवों की मांगों को अनदेखा करने के कारण प्रदेश पंचायत सचिव संघ नाराज है। शासन को 6 मार्च को सूचना देते हुए एक सूत्रीय मांग शासकीयकरण को बजट में शामिल नहीं करने पर ग्राम पंचायतों में तालाबंद कर काम बंदए कलम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
पंचायत सचिव संघ छग के हड़ताल पर जाने से शासन की गोबर खरीदी के साथ ही पंचायतों के 200 योजनाओं अविवादित नामांतरण, जन्म-मृत्यु पंजीयन, ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्य, पंद्रहवें वित्त के समाग्री क्रय के साथ ही मजदूरी भुगतान सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
इस वक्त संघ के अध्यक्ष नरेश पटेल, वरिष्ठ सचिव सुभाषचंद्र पटेल, उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार साहू, सरोज दीपक, संरक्षक जयलाल पटेल, देवधर चौहान, सुभाष पटेल, कोषाध्यक्ष ललित कुमार भोई, सचिव ताजेश साहू, सह सचिव हरिश मानिकपुरी, सलाहकार मंतगलाल पटेल, बाबूलाल पटेल, कैलाश साव, मीडिया प्रभारी लक्ष्मीनारायण दास, छोटेलाल चतुर्वेदी, कार्यकारणी सूरज निषाद, युवराज मांझी, रथलाल यादव, निमन्कर पटेल, अम्बिका साहू, यशोदा चौधरी, दीनदयाल चौहान, शुक्लाचरण, इसकेतन, मेघनाथ पटेल, देवराज, श्रवण बाघ, अभिमन्यु चौहान सहित लगभग सभी सचिव धरे पर हैं।