रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 मार्च। शहर के देवी मंदिरों में आस्था और भक्ति का पर्व नवरात्री में कल से शुरू हो रहा है। चैत्र नवरात्रि हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। चैत्र नवरात्रि के दौरान ही चैती छठ पूजा और राम नवमी भी मनाई जाती है। चैत्र नवरात्र में इस बार माता के मंदिरों में पिछले बार की तुलना में इस बार माता की ज्योति कलश में मनोकामना ज्योति की संख्या बढ़ी है। शहर के पुरानी बस्ती स्थित प्रचीन माता देवालय महामाया देवी,कुशालपुर स्थित मां दंतेश्वरी, आकाशवाणी चौक मां काली ,कांकाली पारा के मां कंकाली मंदिरों में नवरात्री पर भक्तों में पूरी आस्था के साथ ज्योति कलाश के लिए मंदिरों में पहुंच कर माता से अपनी मनोंकामनाएं पूर्ण करने जोत जलाने पहुंच रहे है। इन मंदिरों में हर साल नवरात्री मेंं भक्तों की भारी भीड़ रहती है। जहां भक्त इन नव दिनों में शक्ति स्वरूपा माता के दर्शन कर उनकी आराधना करते हैं। और अपनी मनोकामनाएं मांगते है। इस बार नवरात्री पूरे नव दिनों का होगा।
महामाया मंदिर के पुजारी मनोज महाराज ने बताया कि माता महामाया का यह प्राचीन मंदिर सैकड़ों साल से भक्तों के आस्था का केंद्र बना हुआ है। और यंहा मान्यता है की मां महामाया से सच्चे मन से जो भी मांगा जाए उनकी मनोकामना पूरी होती है। नवरात्री पर मंदिर में शहर के ही नहीं बल्कि दुसरे राज्यों के अलावा देश विदेश से भी भक्त माता के दर्शन करने आते हैं। और अपनी मनोकामना ज्योति भी जलाते हैं।
मंदिर पुजारी ने बताया कि इस बार महामाया मंदिर में 11 हजार ज्योति जलाए जाएंगे जिसमें से दुसरे राज्यों और विदेशों के भक्त भी हैं। नवरात्र की शुरूआत तो कल से हो रही है। जिसके लिए पूरी तैयारियां हो चुकी है। कल बुधवार को सूर्योदय के पश्चात 11 बजे शुभ मुहूर्त है जिसमें मंदिर प्रांगण में जोत जलाया जाएगा। जिसके बाद माता की आरती की जाएगी।
कुशालपुर स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी संजय यादव ने बताया कि इस बार लगभग 15 सौ जोत जलाया जाएगा। अभी भी भक्त मंदिर आकर अपना आवेदन दे रहे है। जो आज शाम तक रहेगा। भक्तों की आस्था को देखते हुए लग रहा है,कि इस बार आकड़े बढ़ सकते है अभी तक जोत के एक हजार आवेदन आ चूके है। जिसका कल सुबह घट स्थापना के साथ शुभमुहूर्त पर पूजन कर ज्योति प्रज्वलन किया जाएगा। मां दंतेश्वरी को यादवों की कुल देवी भी कहा जाता है। इसे ग्रम देवी के रूप में भी पूजन किया जाता है। जहां पर वे नव दिनों में भक्त माता की सेवा, आराधना करते है। पुजारी ने बताया कि चैत्र नवरात्र में घरों में भी भक्त ज्योति कलश और घट स्थापना करते है जिसके लिए कल सूर्योदय के बाद से दिन भर का शुभमुहूर्त रहेगा।
चैत्र नवरात्रि: नवदिन होगी माता के नव रूपों की पूजा
चैत्र नवरात्रि प्रथम दिन (22 मार्च ) प्रतिपदा तिथि, मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना
चैत्र नवरात्रि दूसरा दिन (23 मार्च ) द्वितीया तिथि, मां - ब्रह्मचारिणी
चैत्र नवरात्रि तीसरा दिन (24 मार्च ) तृतीया तिथि, मां - चंद्रघण्टा
चैत्र नवरात्रि चौथा दिन (25 मार्च ) - चतुर्थी तिथि, मां कुष्माण्डा
चैत्र नवरात्रि पांचवां दिन (26 मार्च) पंचमी तिथि, मां स्कंदमाता
चैत्र नवरात्रि छठा दिन (27 मार्च ) - षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी
चैत्र नवरात्रि सातवां दिन (28 मार्च) - सप्तमी तिथि, मां कालरात्री
चैत्र नवरात्रि आठवां दिन (29 मार्च) - अष्टमी तिथि, मां महागौरी, महाष्टमी
चैत्र नवरात्रि नवां दिन (30 मार्च ) - नवमी तिथि, मां सिद्धीदात्री , दुर्गा महानवमी, राम नवमी