रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 मार्च। विपक्ष ने बीते चार दिन से प्रदेश में हो रहे बेमौसम बारिश से रबी सीजन की फसलों को हुए नुकसान और किसानों को मुआवजा देने की मांग की। भाजपा विधायकों ने इस पर काम रोको सूचना पर चर्चा कराने की मांग की।
शून्यकाल में अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पूरु रबी फसल बर्बाद हो गई, सरकार की नीति के सामने किसान हताश हैं।
सौरभ सिंह ने कहा कि बेमौसम बारिश का सबसे ज्यादा नुकसान सब्जी उत्पादक किसानों को हुई है क्योंकि सब्जी उत्पादन के लिए उन्हें कोई ऋण नहीं देता, वह अपनी पूंजी लगाकर उत्पादन करते हैं?।श्रीमती रंजना दीपेंद्र साहू ने कहा कि असमय बारिश के कारण किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। पुन्नूलाल मोहले ने कहा कि पिछले 2 दिनों में असमय बारिश से चना और सब्जियों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है किसानों को इससे काफी हानि हुई है सरकार से गुजारिश है कि किसानों को इसका मुआवजा दे।
इस पर चर्चा की मांग आसंदी ने अस्वीकार कर दी। इसे लेकर भाजपा विधायकों ने विरोध तेज कर दिया। सदन में विपक्ष के इस हंगामे को देखते हुए आसंदी ने किसी न किसी रूप में चर्चा कराने की व्यवस्था दी तब हंगामा शांत हुआ।
अपने प्रस्ताव में नारायण चंदेल बृजमोहन अग्रवाल, धरमलाल कौशिक अजय चंद्राकर शिवरतन शर्मा आदि ने कहा कि शासन स्तर से अब तक किसानों को हुये नुकसान की भरपाई एवं सहायता के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये है।
इस पर राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने जवाब में कहा कि बेमौसम बारिश से किसानों की फसलों को भी क्षति होने की सूचनाएं मिली है. ऐसी स्थिति में छोटे किसान एवं लघु किसानों के जीवन-यापन पर विशेष रूप से बुरा असर पड़ता है।
रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव, बस्तर कांकेर, कोण्डागांव, धमतरी जशपुर, बिलासपुर, बलरामपुर, सरगुजा, कबीरधाम, बीजापुर में हुई फसल क्षति के आंकलन के लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रदेश में बिजली गिरने से 7 ,ओलावृष्टि से 1 कुल 8 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। 36 पशुओं की भी मृत्यु हुई है, 15 मकान पूर्ण रूप से तथा 209 मकान आंशिक रूप से क्षति हुई है। साथ ही प्रदेश में 385.216 हेक्टेयर फसल क्षति होने का आंकलन किया गया है। पीडि़तों को सहायता राशि 15 दिवस के भीतर उपलब्ध कराने का प्रावधान है। सभी जिलों में क्षति के सर्वे कार्य प्रारंभ हो गये हैं, शीघ्र ही राजस्व पुस्तक परिपत्र के निर्देशों के तहत क्षति का आकलन कर किसानों को समुचित अनुदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी।