रायगढ़
कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, लगाए कई आरोप
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 22 मार्च। रायगढ़ स्टेडियम के दर्जन भर कर्मचारियों ने रायगढ़ स्टेडियम प्रभारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जिला कलेक्टर तारण सिन्हा को एक ज्ञापन सौंपकर उनको घर से बेघर करने की धमकी के साथ-साथ रोजाना गाली गलौज व अन्य कई गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार की है।
कलेक्टर से मिलकर कर्मचारियों ने अपने ज्ञापन में यह कहा है कि वे विगत 20-25 सालों से रायगढ़ स्टेडियम में कार्य करते हुए अपने व अपने परिवार का पालन पोषण करते आ रहे हैं। अचानक स्टेडियम प्रभारी विजय चौहान एवं बाबू भीष्म साहू के द्वारा उन्हें लगातार प्रताडि़त करते हुए गाली गलौज किया जा रहा है। प्रभारी विजय चैहान एवं बाबू भीष्म साहू के द्वारा शाम ढलते ही स्टेडियम परिसर में ही शराब सेवन कर महिलाओं के साथ दुव्र्यवहार किया जा रहा है। इन दोनों लोगों के द्वारा खुलेआम धमकी दी जाती है कि जहां शिकायत करना है कर लो मेरा कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता।
रायगढ़ स्टेडियम के कर्मचारियों ने यह भी कहा कि हम लोगों को वहां क्र्वाटर दिया गया है, जिसका विधिवत हमारे द्वारा बिजली बिल भी पटाया जा रहा है। उक्त मकान से भी निकालने की कोशिश की जा रही है। इस मामले की शिकायत जब यहां के सचिव से की गई तो उन्होंने भी उनका ही समर्थन किया। कर्मचारियों ने भी आरोप लगाया कि सुबह से लेकर देर रात तक वे साफ-सफाई व अन्य कार्य पूरी ईमानदारी से करते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से स्टेडियम के भीतर रेस्टोरेंट में खुलेआम शराबखोरी व मैदान में भी अश्याशी का अड्डा बना हुआ है जिसको रोकने के लिये प्रभारी से शिकायत करते हैं तो उल्टे ही उन्हें फटकार दिया जाता है।
पीडि़तों ने रायगढ़ कलेक्टर से गुहार लगाते हुए कहा कि प्रभारी के द्वारा हमें घर से निकालने नोटिस दिया गया है, जबकि अभी वर्तमान समय में हमारे बच्चों का बोर्ड परीक्षा चल रहा है। इस स्थिति में हम अपने परिवार को लेकर कहां जाएंगे। इस स्थिति में उनके बच्चों पर भी इसका खासा असर पड़ेगा।
इस विकट परिस्थिति में उन्होंने जिलाधीश से गुहार लगाई है कि बच्चों की परीक्षा होने तक उन्हें उस स्थान में ही रहने दिया जाए और उनके आरोपों की जांच की जाए।
ज्ञापन सौंपने वालों में मोहन चैहान, लक्ष्मीनाराण, सुरेश गुप्ता, दुर्देराम एक्का के अलावा दर्जनों की संख्या में लोग उपस्थित थे।
रेस्टोरेंट को लेकर भी उठ रहे सवाल
रायगढ़ स्टेडियम कैंपस के भीतर कुछ माह पहले एक रेस्टोरेंट संचालन की अनुमति काफी कम किराये पर दी गई है। लेकिन इसमें सबसे बड़ा पहलू यह है कि जब स्टेडियम खुलने का समय सुबह 5 से लेकर रात 9 बजे तक है तो केवल रेस्टोरेंट संचालक को लाभ पहुंचाने के लिये इसका समय देर रात 10 से 11 बजे तक क्यों कर दिया गया।
जानकार सूत्र बताते हैं कि देश के किसी भी खेल परिसर के भीतर रेस्टोरेंट के संचालन को लेकर अलग नियम है तो यहां पर नियम क्यों बदल दिए गए। बताया यह भी जाता है कि मात्र 8 हजार रूपये किराये में दिये गए रेस्टोरेंट में संचालक को लाभ पहुंचाने के लिये स्टेडियम के भीतर श्रमिकों के क्र्वाटर भी बिना कलेक्टर अनुमति के दिये गए हैं जिनमें उनके स्टाफ व गोदाम बना दिए गए हैं।