कोरिया

डेरा सच्चा सौदा में हर दिन निकल रहे डेढ़ क्विंटल चीकू, सेब के फलों से लदे हैं पेड़
23-Mar-2023 2:25 PM
डेरा सच्चा सौदा में हर दिन निकल रहे डेढ़ क्विंटल चीकू, सेब के फलों से लदे हैं पेड़

मौसम अनूकुल न होने के बाद भी लगे हैं कई फलदार पौधे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बैकुण्ठपुर(कोरिया), 23 मार्च।
कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर के निकट एनएच 43 मुख्य मार्ग से थोडी दूरी पर स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रम में इन दिनों सेब और चीकू के फलों की बहार है, यहां गर्मी के मौसम में सेब के फल पेड़ों पर लदे हुए हैं. जबकि चीकू के दर्जनों पेड़ों से हर दिन डेढ़ क्विंटल से ज्यादा चीकू बाजार में पहुंच रहे हैं।

डेरा सच्चा सौदा आश्रम में फलदार पेड़, पौधो, फूलों एवं सब्जियों की खेती के लिए क्ष़ेत्र में अपनी पहचान बना ली है। यहां दूर-दूर से लोग बगीचे को देखने के लिए पहुंचते हैं तथा फलों की खरीदी भी करने के लिए आते है। वर्तमान में यहां चीकू का फल बहुतायत में निकल रहा है।

इस संबंध में आश्रम के प्रमुख सेवादार मनिंदर इंसा का कहना है कि मौसम के प्रतिकूल होने के बाद सेब के फल यहाँ लगे हैं, साथ ही यहां के चीकू रोज डेढ़ क्विंटल से ज्यादा बाजार में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग यहां आए और जिस तरह से मेहनत करके हर तरह के फलों की खेती कर उसका उत्पादन लिया जा रहा सीखने की जरूरत है।

जानकारी के अनुसार डेरा सच्चा सौदा आश्रम में सेवादारों के द्वारा विभिन्न तरह के फलदार पौधों का रोपण किया गया है। जिनमें से ऐसे पेड़-पौधे लगे हैं और उनमें प्रतिवर्ष फलों की बंपर पैदावार होती है। जिनके बारे में कहा जाता है कि उसके लिए यहां का मौसम अनूकुल नहीं है।

जिले में चीकू की बड़े पैमाने पर उपज कही और नहीं होती लेकिन डेरा सच्चा सौदा आश्रम में भारी संख्या में चीकू के पेड़ पर लगे हुए हैं, जिनमें बड़ी मात्रा में चीकू वर्तमान समय में निकल रहा है। जिसे डेरा सच्चा सौदा आश्रम के पास स्थित कैटिंन के पास विक्रय प्रतिदिन किया जाता है। इसके अलावा यहां कई तरह के फल के पौधे लगे हुए हंै। मौसम बदलाव के बाद भी चीकू के उत्पादन में किसी प्रकार का प्रभाव नहीं दिखाई देता हर वर्ष यहां भारी मात्रा में चीकू निकलता है।

सेब के मीठे फल
डेरा सच्चा सौदा आश्रम में कश्मीर में लगने वाला सेब के पेड़ों पर काफी मात्रा में फूल लगे हैं और उनमें फल भी लग रहे है काफी पक भी चुके हैं और खाने में स्वादिष्ट तो है कि साथ में काफी मीठा भी है। कोरिया में सेब का उत्पादन अपने आप मे चौंकाने वाला है। आश्रम प्रबंधन ने इसके अच्छे परिणाम सामने आने के बाद काफी मात्रा में सेब के पेड़ों को लगाया गया है।

गोबर की खाद और गौमूत्र का उपयोग
डेरा सच्चा सौदा आश्रम में फलों व सब्जियों के उत्पादन में किसी प्रकार का रसायनिक खाद का बिल्कुल भी उपयोग नहीं किया जाता है। सेवादारों ने बताया कि हमारे द्वारा सब्जियों के उत्पादन व फलों के लिए सिर्फ गोबर खाद का उपयोग किया जाता है, इसके अलावा गौ मूत्र का उपयोग भी किया जाता है।

उन्होंने बताया कि यहां शुरू से लेकर अब तक कभी भी रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया गया है। जब वर्तमान समय में ज्यादा से ज्यादा रासायनिक खाद का उपयोग हो रहा है, ऐसे में यहां गौबर खाद व गौ मूत्र का उपयोग कर बंपर खेती की जा रही है, जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाला नहीं होता।
 

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