राजनांदगांव

पदयात्रियों की बढऩे लगी संख्या
छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 24 मार्च। चैत्र नवरात्र पर्व शुरू होते ही शहर समेत जिलेभर के मंदिरों और जोत स्थापित करने वाले घरों में भक्तिमय माहौल बनने लगा है। नवरात्र पर्व पर सुबह से देर शाम तक श्रद्धालु माता के दरबार में माथा टेकने पहुंचने लगे हैं। 22 मार्च से शुरू हुआ नवरात्र पर्व आगामी 30 मार्च तक शहर समेत जिले में भक्तिमय माहौल बना रहेगा। इसी के साथ ही जिले के डोंगरगढ़ मां बम्लेश्वरी का दर्शन करने पदयात्री मार्ग में श्रद्धालुओं की उपस्थिति दिखने लगी है। लोग मां बम्लेश्वरी पर आस्था और मन्नत रखते पदयात्रा करते माथा टेकने निकल पड़े हैं। वहीं जिलेभर के अलग-अलग माता मंदिरों में जोत-जंवारा प्रज्जवलित किए गए हैं। ऐसे में श्रद्धालु मंदिरों में जोत-जंवारा का दर्शन करने और माता की पूजा-अर्चना करने पहुंच रहे हैं।
इधर शहर के मां पाताल भैरवी मंदिर में इस नवरात्र पर्व पर 1712 ज्योति कलश प्रज्जवलित किए गए हैं। वहीं मां शीतला मंदिर, किलापारा स्थित दुर्गा मंदिर, पुराना बस स्टैंड स्थित मां कालीमाई मंदिर व सिंघोला स्थित माता मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुंचने लगे हैं। मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ में 22 मार्च से प्रारंभ हुए चैत्र नवरात्रि के अवसर पर 1712 ज्योति कलश श्रद्धालुओं द्वारा प्रज्ज्वलित किए गए। सिद्धपीठ में प्रतिदिन धार्मिक अनुष्ठान व महाआरती का आयोजन किया जा रहा है।
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ने बताया कि मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ में भी 22 से 30 मार्च तक नवरात्र पर्व मनाया जा रहा है। जिसमें प्रतिदिन माता व अन्य देवी देवताओं की विधि विधान से पूजा पाठ के अलावा आरती पूजन का कार्यक्रम आयोजित है। 22 मार्च को अविभाज्य मुहूर्त पर मंत्रोच्चार विधि विधान के मध्य गौरी गणेश, नवग्रह, गुरुपूजन, समस्त देवी देवताओं का पूजन व माता का पूजन किया गया। वहीं आगामी 26 मार्च को नवरात्रि की पंचमी पर मां पाताल भैरवी सहित मां राज राजेश्वरीए त्रिपुर सुंदरीए दस महाविद्याए भगवान पातालेश्वर महादेव सहित द्वादश ज्योतिलिंर्गोंए हनुमान जीए गणेश जी व भैरव बाबा का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।
माता के दरबार में श्री यंत्र पर आधारित यज्ञ शाला में महाअष्टमी हवन 29 मार्च को संध्या 5 बजे से किया जाएगा। 30 मार्च को रामनवमी के अवसर पर भगवान श्रीराम व माता की विशेष महाआरती के पश्चात माता की ज्योत ज्वांरा का विसर्जन किया जाएगा।