बालोद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दल्लीराजहरा, 24 मार्च। भारत में अपनी रेल का जाल बिछाने वाला भिलाई इस्पात संयंत्र आज भारत का एक उपक्रम है। भिलाई इस्पात संयंत्र को भरपूर मात्रा में लौह अयस्क रा मटेरियल देने ओर संयंत्र को निरंतर चलाने के लिए दल्ली व राजहरा लौह अयस्क खदान एक जीवनदायनी खदान है, जहां हजारों मजदूरों का रोजी रोटी मिट्टी से चलता है, जो एक रेल ओर सेल के लिए एक मिल का पत्थर साबित कर चुका है। जहां हजारों मजदूर अपने श्रम से संयंत्र के लिए कन्धे से कन्धे मिलाकर एक जटिल भारत का निर्माण कर रहे है।
खदान में बी.ई.एम.एल भारत अर्थ मूवर्स के मशीन का भी योगदान सराहनीय है, जो हर कार्य को सरल रूप से कम समय में काम करके देने में योगदान देती है। बी.एस.पी दल्ली व राजहरा माइंस में डोजर डंपर, एक सेवेटर, ग्राइंडर मशीन जो उत्पादन को उच्च क्षमता और उत्पादन में सहयोग कर भिलाई इस्पात संयंत्र का खदानों में सहयोग करती है। समय-समय में बी.एस.पी के आधिकारिक खदानों में उत्पादन को लेकर मशीनों की बढ़ोतरी कर हर कार्य को संभव रूप से सार्थक परिणाम देते है। उत्खनन कार्य के लिए आज राजहरा मांइस में बी.ई.एम.एल लिमिटेड 1000 सावल का उदधाटन दल्लीमांइस के सी जीएमबी आर गहरवार, राजहरा मांइस जीएम श्रीकांतजी, एम.नडेस, विपिन, बी.ई.एम.एल लिमिटेड जिला प्रबंधक ओंकार नाथ, मार्क इंचार्ज निशांत कुमार, बी.एस.पी .दल्ली व राजहरा मांइस के उच्च अधिकारीगण सोनाराम बास्के, एमेनएल रॉय, राकेश सिंह, आनंद भैया.आर .के.गर्ग, आदर्श श्रीवास्तव, अजय चतुर्वेदी, अमोल बेले, कपिल नायडू, सियाराम ध्रुव आशाराम ठाकुर सभी अधिकारी गण के उपस्थित में सी. जी. एम. बी. आर गहरवार ने फीता काट कर मशीन को मांइस के उत्पादन के लिए खदान में रवाना किया।