रायपुर
सीएम 5 घंटे के दिल्ली दौरे पर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 25 मार्च। सीएम भूपेश बघेल आज पांच घंटे के अल्प प्रवास पर दिल्ली गये हैं। जहां वे कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, अशोक गहलोत के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
उड़ान भरने से पहले एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा करते हुए बघेल ने कहा कि आज जो स्थिति बनी है उसके मुताबिक भाजपा, अडाणी मामले में मौन साधे हुए है।उस पर कुछ नहीं बोल रही। और बल्कि एक नया एंगल ले आई है कि ओबीसी वर्ग का। भाजपा अध्यक्ष नड्डा जी से कहना चाहूंगा कि पिछड़े वर्ग के बारे में घडिय़ाली आंसू बहाना बंद करें। क्योंकि छत्तीसगढ़ में विधानसभा ने 2 दिसंबर को आरक्षण बिल सर्वसम्मति से पारित किया था। भाजपा के दबाव में अभी तक बिल पर हस्ताक्षर नहीं किए जा रहे हैं। इससे लाखों युवाओं का नुक़सान हो रहा है। शिक्षा में भी और नौकरियों में भी। कांग्रेस हमेशा से गरीबों, वंचितों के हक की लड़ाई लड़ती रही है। और भाजपा हमेशा इन वर्गों की उपेक्षा करती रही। इन वर्गों में भेद पैदा कर अपना उल्लू सीधा करती रही।
बघेल ने नड्डा के जरिए डा.रमनसिंह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ठाकुर रमन सिंह ने मेरे खिलाफ भी बहुत सी बातें कहते रहे हैं-छोटा आदमी, छोटे मन से काम करता है। भानुप्रतापपुर उपचुनाव की नामांकन रैली की सभा में मुझे चूहा, बिल्ली, कुत्ता कहकर संबोधित किया था। भाजपा के लोगो की यही मानसिकता है। नड्डा जी से कहना चाहूंगा कि अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से पूछिए कि उन्होंने कहा था कि नहीं। इसलिए कहता हूं कि इनका ओबीसी प्रेम, दिखावटी है। घडिय़ाली आंसू बहाना बंद कर सीधा,सीधा अडाणी के बारे में राहुल जी को जवाब दें कि उनके नेताओं के अडाणी से संबंध क्या है? कितने बार विदेश यात्रा की और अडाणी की शेल कंपनियों को मदद की या नहीं। राहुल गांधी को कोर्ट से मिली सजा पर कहा कि एक कानूनी पक्ष है, उसकी लड़ाई हमको लडऩी है. दूसरा जनता के बीच में इन मुद्दों को लेकर हम जाएंगे।
बार -बार झूठ बोलने से, सच नहीं हो जाएगा- मूणत
पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने सीएम को टैग कर ट्वीट किया कि झूठ रायपुर में बोलें या दिल्ली में जाकर दोहराएं! बार-बार झूठ बोलने से, सच नहीं हो जाएगा!आरक्षण पर जो स्थिति बनी है,वह आपकी नीतियों का परिणाम है!
सर्वप्रथम भूपेश सरकार को श्वेतपत्र जारी कर बताना चाहिए कि आरक्षण के संदर्भ में हाईकोर्ट में कौन-कौन से वकील लगाएं,क्या प्रयास किया गया?