रायपुर
मोदी के बाद गहलोत ने भी दिया डीए
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 25 मार्च। नवरात्र पर मोदी सरकार और गहलोत सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनधारियों को महंगाई भत्ते (डीए) में 4 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट के इस फैसले के बाद महंगाई भत्ता 38 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया है।
बढ़ी हुई दर जनवरी 2023 से लागू होंगी. कर्मचारियों और पेंशनधारियों को एरियर भी मिलेगा। इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने भी डीए देने की घोषणा कर दी। और छत्तीसगढ़ में दो किस्तों का अता-पता नहीं है। अपने सोशल मीडिया ग्रुप में कर्मचारी सरकार के रूख पर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं। अब देर न करते हुए अपने नेताओं से बेमुद्दत हड़ताल की घोषणा की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि 5 प्रतिशत देकर 4 प्रतिशत फिर पिछड़े। 5 प्रतिशत इसी महीने के आखिरी या अप्रैल के पहले सप्ताह तक। देय दिनांक 1 अप्रैल से यानी तीन माह का एरियर्स डकार के। बाकि 4 प्रतिशत चुनाव आचार संहिता के पहले। मन के लड्डू खाते रहे। हम लोग लालीपाप खा रहे। बहुत जल्द छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन को सभी अध्यक्ष के साथ बैठक कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा करना चाहिए।छत्तीसगढ़ में लालीपाप भी नसीब नहीं होगा
ऐसा लगता है कि बिना हड़ताल किए कुछ नहीं देगी सरकार।क्योंकि सीएम खुद बोलते हैं कि लड़ोगे नहीं तो सफलता मिलेगी कैसे। इसलिए तो बोला भैया कि अब यूं हाथ पे हाथ धरे रहने से काम नहीं चलेगा। अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का समय आ गया है। एक ने कहा कि विधायकों के वेतन भत्ते बढ़ाने के लिए सरकार के पास पैसा है, गोबर खरीदी के लिए भी है, आईएएस अफसरों को भत्ते देने के लिए है। नहीं है तो अपने कर्मचारियों के लिए। यह भी हो सकता है कि सरकार इस बार किसानों के सहारे सत्ता में आना चाहती है इसलिए कर्मचारी प्राथमिकता में नहीं है। लगता है यह सरकार फिर आई तो फिर पांच साल महंगाई भत्ते के तरस जाएंगे। केवल किसानों के सहारे सत्ता हासिल नहीं होगी।
किसी ने पूछा छत्तीसगढ़ में केन्द्र के बराबर महंगाई भत्ता होगा कि नहीं? इस पर संयोजक ने कहा कि सभी प्रांत अध्यक्ष संघर्ष के लिए संकल्प लेंगे सब संभव है। सभी संघ अध्यक्ष की बैठक लेकर हड़ताल की रणनीति बनानी चाहिए।