महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 25 मार्च। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अंकित बागबाहरा ने बताया कि प्रदेश में किसानों का धान 20 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदने की घोषणा मु यमंत्री द्वारा की गई है। ज्ञात हो कि पूर्व में 15 क्विंटल धान खरीदा जाता था, परन्तु प्रदेश में धान के प्रति एकड़ उत्पादन में वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के मुखिया ने इसे स्वयम संज्ञान में लेते हुए सरकारी धान खरीदी की मात्रा बढ़ाकर 20 क्विंटल कर दी है। इस कार्रवाई का किसानों ने स्वागत किया है। अंकित ने बताया कि श्री बघेल के इस कदम से प्रदेश के किसानों में खुशहाली आएगी।
श्री अंकित ने उक्त संबंध में बताया कि पहले किसानों को अपनी व्यथा बताने की शुरुआत सन् 1859 से हुई थी। अंग्रेजों की नीतियों से सबसे ज्यादा किसान प्रभावित हुए, इसलिए आजादी के पहले भी कृषि नीतियों ने किसान आंदोलनों की नींव डाली। देश में किसानों की दशा सुधारने पूर्व में च पारण सत्याग्रह,पाबना विद्रोह,तेभागा आंदोलन, खेड़ा आंदोलन और वार्षिकी आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल करते थे। देश में आजादी के बाद भी समय समय पर किसानों को अपनी बातें मनवाने आंदोलनों का सहारा लेना पड़ा। इसके लिए देश में लागू हुए तीन काले कृषि कानून के खिलाफ हुए आंदोलन में भी लाखों किसानों को आंदोलनरत रहना पड़ा था। इन सबके विपरीत देश मे एक प्रदेश छत्तीसगढ़ भी है, जिसका नेतृत्व एक किसान खुद कर रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बिना आंदोलन किये किसानों की स्थिति को सुदृढ करने एक नई हरित क्रांति की नींव रखी है।
जिसकी शुरुआत 10 हजार करोड़ की अल्प ऋण की कर्ज माफी, 300 करोड़ के सिंचाई कर की माफी और 2500 रुपये प्रति क्विंटल की धान खरीदी की शुरआत की। नरवा गरवा घुरुआ बाड़ी योजना के माध्यम से गौठान की शुरुआत की,गोधन न्याय योजना से गोबर की खरीदी की शुरुआत की। भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना के माध्यम से कृषि करने वाले मजदूरों को 7 हजार रुपये सालाना देने की शुरुआत की। तेंदूपत्ता श्रमिकों को प्रति हजार पत्ते का मूल्य बढ़ा कर 4000 किया, आज 65 से ज्यादा वनोपज समर्थन मूल्य में खरीदे जा रहे है। अब शहर में भी भूमिहीन कृषक मजदूर न्याय योजना लागू कर दी गयी है।
आज किसानों को भरोसा भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार पर बढ़ा है जिसका पता किसानों की प्रतिवर्ष बढ़ती हुई सं या से लगता है, जो कि इस चार साल में ही 11 लाख किसानों से ज्यादा बढ़ चुके है। आज ग्रामीण अर्थव्यवस्था में चमत्कारिक परिवर्तन देखने को मिल रहा है, और इसी के साथ कल नवरात्र की द्वितीया में माननीय किसान मु यमंत्री का 20 क्विंटल धान समर्थन मूल्य में लेने की घोषणा ने पुन: छत्तीसगढ़ को पूरे देश के आकर्षण के केंद्र बिंदु में ला कर खड़ा कर दिया है, और फसल चक्र परिवर्तन और धान के अलावा दूसरी फसल लगाने पर आदान सहायता राशि 10 हजार रुपये एकड़ से ज्यादा होना भी एक बड़ा क्रांतिकारी कदम है। साथ ही साथ नदी नालों तालाबों को पुनर्जीवित करने भी बड़ा काम छत्तीसगढ़ में हो रहा है जिसकी जितनी प्रशंशा की जाए कम है।
अन्त में ये तय है कि 20 क्विंटल की धान खरीदी किसानों के लिए एक बड़ा क्रांतिकारी फैसला है और अब कृषि भी कमाई का सबसे बड़ा साधन बनेगा, जिससे छत्तीसगढ़ के कृषक भी अब अपने ढंग से जीवन जी अपनी खेती को उन्नत व नवीन मजबूती से करने की ओर अग्रसर होंगे।