सरगुजा

ईपीएफ भुगतान में अनियमितता, जांच रिपोर्ट आने के बाद भी अब तक नहीं हुई कार्रवाई
25-Mar-2023 7:41 PM
ईपीएफ भुगतान में अनियमितता, जांच रिपोर्ट आने के बाद भी अब तक नहीं हुई कार्रवाई

मामला विद्युत वितरण कंपनी सरगुजा संभाग में ऑपरेटरों को दिए जाने वाले ईपीएफ राशि का,पौने दो करोड़ की हुई है गड़बड़ी

अफसरों पर कार्रवाई एवं ऑपरेटरों को राशि दिलाने  पार्षद ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 25 मार्च।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी सरगुजा संभाग में प्लेसमेंट पर ऑपरेटरों की नियुक्ति के बाद इन कर्मचारियों का ईपीएफ भुगतान न किए जाने के मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट का बड़े अफसर अवलोकन कर रहे हैं, कुछ दिनों में कार्रवाई संभव है।

इधर, ईपीएफ में अनियमितता को लेकर अंबिकापुर नगर निगम के पार्षद आलोक दुबे ने भी विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर एवं ऑपरेटरों को ईपीएफ राशि दिलाए जाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया है।

आरोप है कि ऑपरेटरों को दिए जाने वाले ईपीएफ राशि में लगभग पौने दो करोड़ की अनियमितता हुई है। गौरतलब है कि इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई थी। प्रधानमंत्री कार्यालय से जांच के लिए पत्र छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी में भेजा गया। एक टीम गठित कर जांच कराई गई है। जांच रिपोर्ट भी विद्युत वितरण कंपनी के मुख्य कार्यालय में पहुंच चुकी है, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पौने दो करोड़ के इस अनियमितता में प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक व अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत का मामला भी सामने आ रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट के बाद जल्द ही बड़ी कार्रवाई के संकेत दिये हैं।

जानकारी के मुताबिक सरगुजा संभाग के विद्युत वितरण कंपनी में 150 ऑपरेटरों को कार्य पर रखने का आदेश अंबिकापुर के ही एक प्लेसमेंट कंपनी को जारी हुआ था। ग्यारह अगस्त 2020 को ऑपरेटरों को रखने का आदेश मुख्य अभियंता के कार्यालय से जारी हुआ। इन कर्मचारियों का ईपीएफ व ईआइसी भुगतान नहीं किया गया। हर माह के मानदेय में भी निर्धारित राशि नहीं दी जा रही थी। 

अंबिकापुर शिकारी रोड निवासी विकासदीप जायसवाल नामक एक ऑपरेटर ने इसकी शिकायत यहां के उच्च अधिकारियों से की थी, पर किसी तरह की कार्रवाई न होने पर प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत कर दी। प्रधानमंत्री कार्यालय से जांच के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी कार्यालय को पत्र भेजा गया। 

पत्र आने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के अध्यक्ष ने भी जांच के आदेश दिए। इसके लिए राजधानी रायपुर से ही अधिकारियों की एक टीम गठित की गई। टीम ने पूरे मामले की जांच की है। 

प्रथम दृष्टया यह बताया जा रहा है कि प्लेसमेंट कंपनी के संचालक को विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा भुगतान दिया जाता रहा है। प्लेसमेंट कंपनी के संचालक के द्वारा फर्जी दस्तावेज व चालान लगा दिया जाता था, जबकि ऑपरेटरों को ईपीएफ भुगतान नहीं किया जाता था। 

शिकायत में ऑपरेटर विकासदीप जायसवाल ने यह भी अवगत कराया था कि बिल पारित करने वाले विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी व अन्य कर्मचारी इसमें शामिल हैं। विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी, कर्मचारियों के साथ प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक की सांठगांठ से दो साल का ईपीएफ भुगतान नहीं किया गया। यह लगभग पौने दो करोड़ की राशि है। मामले की जांच शुरू हुई तो सरगुजा संभाग के कार्यालय में हडक़ंप मच गया है।

शिकायत में कहा गया है कि मनमाना बिल अधिकारियों ने पारित किया है। प्लेसमेंट में बतौर ऑपरेटर 150 कर्मचारियों की नियुक्ति हुई थी, जिसमें बमुश्किल 100 कर्मचारी ही नियमित काम करते थे। प्रति माह 10 हजार मानदेय दिया जाना था, किंतु कुछ लोगों को मानदेय की राशि भी कम मिली है और ईपीएफ तो मिला ही नहीं।

25 लाख की और हुई है गड़बड़ी
ऑपरेटरों के साथ आउटसोर्सिंग में विभिन्न कार्यालयों में करीब 25 कार्यालय सहायक(भृत्य) भी रखे गए थे। इसे किसी अन्य प्लेसमेंट कंपनी के माध्यम से रखा गया था। यह कंपनी भी अंबिकापुर की ही थी। इसी अवधि में इन कार्यालय सहायकों को भी ईपीएफ की राशि नहीं मिली। इसमें भी लगभग 25 लाख की गड़बड़ी बताई जा रही है। इसकी भी जांच की गई है।

इन दोनों मामलों की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ग्वालियर व मुख्य अभियंता अंबिकापुर से की गई थी। स्थानीय स्तर पर किसी तरह की जांच नहीं हुई, पर पीएमओ से जांच के लिए पत्र छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी रायपुर को पहुंचा, जहां से रायपुर महाप्रबंधक कार्यालय एचआर से जांच के लिए यहां पत्र पहुंचा और टीम गठित की गई। यहां की टीम ने मामले की जांच की है। पूरी रिपोर्ट राजधानी रायपुर भेज दी गई है। स्थानीय अधिकारी इस मामले को लेकर कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं।

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