मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 26 मार्च। लज्जा भंग करने के आशय से नाबालिग पर आपराधिक बल का प्रयोग करने के जुर्म में दोषसिद्ध पाए जाने पर विशेष अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ आनंद प्रकाश दीक्षित की अदालत ने अभियुक्त को अर्थदंड एवं सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक जीएस राय ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिवस 10 सितंबर को रात्रि 8 बजे झगराखंड थानांतर्गत आरोपी के द्वारा पीडि़ता की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर आपराधिक बल का प्रयोग किया गया। पीडि़ता की शिकायत पर आरक्षी केंद्र झगराखंड द्वारा धारा 354 तथा धारा 8, 10 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत केस दर्ज कर विवेचना पश्चात अभियुक्त के विरूद्ध अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा आरोपी झगराखंड थानांतर्गत निवासी 47 वर्षीय रामू उर्फ केडी यादव के दोषसिद्ध पाए जाने पर उसे धारा 354 के अपराध में 2 वर्ष, धारा 354 (ख) के अपराध में 3 वर्ष एवं धारा 10 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अपराध में 5 वर्ष के सश्रम कारावास तथा सभी धाराओं में पृथक-पृथक 500-500 रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई।