महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 26 मार्च। बागबाहरा जनपद अध्यक्ष स्मिता हितेश चंद्राकर ने विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं के अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि शासन ने आखिर कमार भुजिया बैगा पहाड़ी कोरवा इन जातियों को विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा क्यों दिया है। यह वर्ग समाज के मुख्यधारा से अलग-थलग, नदी किनारे, सुदूर जंगल पहाड़ में निवासरत रहते हैं।
इनका जीवन जंगल पर आश्रित रहता है और आज वह वर्ग खत्म होने की कगार पर है। इनके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए इन्हें राष्ट्र एवं समाज के मुख्यधारा में लाने के लिए विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा देकर इन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र का दर्जा दिया गया है। इनके पढ़े-लिखे बच्चों को सीधी भर्ती के तहत वर्ग 3 व वर्ग 4 में नौकरी देकर इस समाज को बचाना चाहती है।
जिसके तहत छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग ने सर्कुलर जारी कर पात्र युवाओं को सीधी भर्ती के तहत नियुक्ति करने समस्त जिला कलेक्टर को आदेश पारित किया है। आदेश के परिपालन में आदिम जाति कल्याण विभाग एवं आदिवासी विकास विभाग द्वारा पात्र 172 युवाओं की सूची जिला कलेक्टर महासमुंद को प्रस्तुत किया जा चुका है, लेकिन महासमुंद और गरियाबंद जिले में इन वर्ग के बच्चों के साथ पिछले 10 माह से आश्वासन के ऊपर आश्वासन देकर चक्कर लगवाए जा रहे हैं। इस विषय को लेकर इन वर्ग के युवाओं का प्रतिनिधिमंडल कल रायपुर जाकर उच्च अधिकारियों से मिलकर नौकरी देने या आदेश को रद्द करने की मांग रखेंगे।