महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 28 मार्च। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण 2023 प्रगणकों व सुपरवाइजरों का प्रशिक्षण की शुरुआत हो गयी है। एक अप्रैल से सर्वेक्षण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके लिए टीमें घर-घर जाकर सर्वे का काम करेंगी और डाटा एकत्र करेंगी। घोषणा के अनुसार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत परिवारों का सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण एक अप्रैल से 30 अप्रैल के मध्य किया जाएगा।
सर्वेक्षण टीम में तकनीकी जानकारी रखने वाले शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों को शामिल किया गया है। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने इसके लिए जिले के सभी विकासखंडों से 12 मास्टर ट्रेनर नियुक्त किए हैं। इन सभी का एक दिवसीय प्रशिक्षण राजधानी रायपुर के पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा में दिया गया। सभी प्रशिक्षण प्राप्त मास्टर ट्रेनर आज अपने-अपने विकासखंड में पर्यवेक्षकों व प्रगणकों को प्रशिक्षण दिया।
मास्टर ट्रेनरों ने कम्प्यूटर आधारित प्रशिक्षण देते हुए बताया कि इस संबंध में एक तकनीकी रूप से ऐसा सक्षम एप्प तैयार किया गया है जो डाउनलोड करने के बाद उस एप्प में ऑफलाइन मोड में एन्ट्री करेगा। बाद में नेट के जरिए डाटा अपडेट किया जाएगा। प्रशिक्षण में बताया गया कि सर्वे करते समय प्रगणक किसी भी मकान का फोटो खींचे तो उसमें मुखिया और मकान का नंबर स्पष्ट दिखना चाहिए। एक परिवार को एक प्रपत्र भरना होगा। प्रपत्र में आधारभूत जानकारी प्रविष्टि करनी है। एक टीम लगभग 400 घरों का सर्वे करेंगे। लगभग 750 के घरों के लिए दो टीम सर्वे का काम करेंगे।
एक टीम में एक पुरूष शासकीय कर्मी और एक महिला मितानिन या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि को शामिल किया गया है। रोजी-रोटी कमाने दूसरे जगह गये परिवार के किसी सदस्य द्वारा दी गई जानकारी एप्प में भरी जाएगी। एप्प में राशन कार्ड के डाटाए नया राशन कार्ड एन्ट्री, परिवारों के सदस्यों की सूची और उनका कौशल प्रशिक्षण, प्रशिक्षण के उपरांत उनका वर्तमान आय, भूमि, आयकर दाता, आवास, शौचालय, वाहन, घरेलू रसोई गैस, आधार की सहमति आदि की जानकारी होंगी।