मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 28 मार्च। लज्जा भंग करने के आशय से नाबालिग पर आपराधिक बल का प्रयोग करने के जुर्म में दोषसिद्ध पाए जाने पर विशेष अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ आनंद प्रकाश दीक्षित की अदालत ने अभियुक्त को सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया है।
विशेष लोक अभियोजक जीएस राय ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना दिवस 15 मई 2022 की रात लगभग साढ़े 8 बजे पीडि़ता घर के सामने खेल रही थी, तभी आरोपीवहां आकर पीडि़ता को घूमने चलने के लिए कहकर अपने साथ ले गया और पानी टंकी के पास ले जाकर उसके साथ अश्लील हरकत करने लगा। पीडि़ता छुड़ाकर रोते हुए भागी, तब आरोपी उसके पीछे आया और किसी को बताने पर मारने की बात कही। मामले में पीडि़ता के पिता की लिखित शिकायत पर झगराखंड पुलिस द्वारा धारा 354 एवं अधिनियम की धारा 8 के अपराध में केस दर्ज कर विवेचना पश्चात अभियोग पत्र तैयार कर न्यायालय में पेश किया गया।
न्यायालय द्वारा आरोपी झगराखंड थानांतर्गत नार्थ झगराखंड निवासी 23 वर्षीय शांतनु उर्फ छोटू डोमार के दोषसिद्ध पाए जाने पर उसे धारा 354 के अपराध में 2 वर्ष एवं धारा 10 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अपराध में 5 वर्ष के सश्रम कारावास तथा दोनों धाराओं में पृथक-पृथक 500-500 रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई।