बालोद
छत्तीसगढ़ संवाददाता
बालोद, 29 मार्च। पूरे प्रदेश में शराबबंदी को लेकर घमासान मचा हुआ है पक्ष विपक्ष बयान बाजी कर रहे हैं। ऐसे में बालोद जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसका फैसला ग्रामीणों ने मिलकर लिया है। दरअसल ग्राम पंचायत करही बदर के लोग आज कलेक्ट्रेट पहुंचे और उन्होंने ग्राम की समस्याओं को प्रमुखता से कलेक्टर के समक्ष रखा। उन्होंने कलेक्टर के माध्यम से शासन को पत्र लिखा है कि उनके गांव में अवैध शराब की बेतहाशा बिक्री होती है, जिस को रोकने के लिए उन्होंने गांव में संचालित पुराने शराब दुकान को फिर से शुरू करने की मांग की है।
सरपंच लीलाराम डरसेना ने बताया कि हम अवैध शराब को लगाम लगाने हर संभव प्रयास कर चुके हैं, परंतु निराशा ही हाथ लगी है। हम चाहते हैं कि गांव में शराब दुकान खोली जाए ताकि अवैध शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सके।
आज से लगभग 7 से 8 वर्ष पूर्व ग्राम कर ही बदर में शराब दुकान संचालित हुआ करता था और उस समय अवैध शराब की बिक्री लगभग ना के बराबर होती थी। सरपंच ने बताया कि आज गांव पूरी तरह अवैध शराब के कब्जे में हैं। लाख कोशिशों के बावजूद भी हम सब इस पर लगाम नहीं लगा पाए हैं। सरपंच का कहना है कि पहले जहां पर शराब दुकान संचालित होता था उसी जगह पर पुन: शराब दुकान खोला जाए।
ग्रामीणों ने इस पत्र के माध्यम से उप तहसील की भी मांग की है। ज्ञात हो कि संजरी बालोद विधानसभा क्षेत्र में ग्राम कर ही बदल बीज का प्रमुख गांव है, और यहां पर लगभग 15 से 20 गांव आश्रित रहते हैं। यहां पर एक बड़ा मवेशी बाजार और एक बड़ा सब्जी बाजार लगता है। मवेशी बाजार ने तो बस्तर के लोग भी निर्भर रहते हैं, पूरे प्रदेश भर में यहां से मवेशियों की खरीदी बिक्री होती है।
अवैध अतिक्रमण भी तोडऩे रखी बात
ग्राम के प्रतिनिधियों एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि गांव में अवैध अतिक्रमण भी तेजी से बढ़ रहा है विशेषकर बाजार क्षेत्र में अतिक्रमण बढ़ रहा है इसको तोडऩे और अतिक्रमण पर कार्रवाई करने के लिए भी डिप्टी कलेक्टर के पास मांग को रखा गया है ताकि गांव में शांति व्यवस्था बनी रहे।
सरपंच सहित ग्रामीणों ने बताया कि अवैध शराब के चलते गांव में अशांति हो रही है। पहले भी लगाम लगाने प्रयास किया गया है। 50 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान भी रखा गया है। लगातार पुलिस की कार्रवाई भी होती है, बावजूद इसके फिर से अवैध शराब में लिप्त लोग अपना कारोबार शुरू कर देते हैं।
पहला मामला
बालोद जिले सहित इसे प्रदेश का पहला मामला कह सकते हैं, जहां पर ग्रामीण खुद ही अपने गांव में शराब दुकान खोलने की मांग लेकर पहुंचे हुए हैं।
दरअसल, शराब दुकान से इस गांव में रौनक भी बनी रहती है और यहां का मार्केट काफी विख्यात हुआ करता था ग्रामीणों की सोच है कि यदि शासन अपना शराब दुकान खोलता है, तो इससे सर आपको चाहिए जो कि बालोद और गुरु से लाकर यहां अवैध शराब को खा पाते हैं। उस पर लगाम लग सकती है।