रायपुर

भक्ति और शक्ति का संगम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 मार्च। चैत्र नवरात्र के नौवे दिन रामनवमी श्रीराम जन्मोत्सव के रूप में मनाई जा रही है। शहर के राम मंदिरों में हवन-पूजन के साथ राम के जयकारे भी लग रहे हैं। राजधानी के वीआईपी रोड स्थित सबसे बड़े राम मंदिर में सुबह से ही जनसैलाब उमड़ पड़ा है। जहां पर विशेष अनुष्ठान चल रहे हैं। इसी तरह से बैरनबाजार स्थित रामजानकी मंदिर, जैतुसाव मठ, दुधाधारी मठ, पुरानी बस्ती स्थित मंदिर में भी भक्तों की खचाखच भीड़ है। इससे पहले आठ दिनों के उपवास के बाद गुरूवार सुबह राजधानी में जोत जवारा विसर्जन का सिलसिला शुरू हुआ। सडक़ों पर भक्ति उल्लास छाया रहा। नंगे पैर महिलाएं, सिर पर कलश जवारा लेकर सडक़ों पर जवारा विसर्जन करने निकली। धूप की तपन से बचाने के लिए सेवादार सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव करते चल रहे थे। श्रद्धालुओं की आस्था देखकर कई घर के सामने लोग घरों से पाइप के जरिये सडक़ पर पानी डाल रहे थे,ताकी गर्मी में भक्तों के पाव ना जले यह नजारा बढई पारा, तात्यापारा, सत्ती बाजार, पुरानी बस्ती,बुढ़ातालाब इलाके में दिखाई दिया। लोग बाजे-गाजे और माता सेवा भक्ति गीत गाकर विसर्जन यात्रा कंकाली तालाब पहुंची। यात्रा में अनेक युवा, बच्चे अपने हाथ, गालों पर तेज धार वाले छोटे भाले, बाना लेकर जवारा विसर्जन जुलूस में नाचते रहे। इसे सांग बाना धारण करना कहा जाता है। विसर्जन करने के लिए कंकाली तालाब में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धि दात्री का विशेष श्रृंगार कर पूजा-अर्चना की गई। आरती के बाद माता के नव रूप में छोटी कन्या भोजन कराया गया। वहीं जोत जवारा विसर्जन यात्रा निकाली गई। सनातन संस्कृति में कन्याओं को देवी स्वरूपा माना गया है। इसी मान्यता के चलते, एक साल से लेकर नव साल तक की बालिका को देवी रूप मानकर पूजन किया।
कंकाली तालाब में जंवारा विसर्जन
घरों में प्रज्वलित मनोकामना जोत और जंवारा का विसर्जन की शहर की देवी कंकाली तालाब में सुबह 8 बजे के बाद से जंवारा यात्रा निकलकर कंकाली तालाब पहुंची। यहां दोपहर तक विसर्जन करने श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भक्त माता के सेवा गा कर जवारा विसर्जन करने निकने। कई घरों से जवारा विसर्जन निकली। युवा और बच्चे माता के शक्ति के प्रतीक सांग-बाना को मुंह में लेकर जवारा के आगे नाचते रहे। जिन्हें जवारा विसर्जन के बाद शांति होम कर निकाला गया।