दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 31 मार्च। राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता से बौखलाकर भाजपा उन पर पिछड़ा वर्ग विरोधी होने का गलत आरोप लगा रही हैं। राहुल गांधी एक बड़ी राष्ट्रीय दल के नेता हैं। उन्हें देश के सर्व समाज की चिंता हैं, लिहाजा उन पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप सिरे से बेबुनियाद हैं। देशभर के सभी बड़े शहरों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से कांग्रेस नेता पत्रकारों से मुखातिब हो रहे हैं।
इसी क्रम में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने दुर्ग में पत्रकारवार्ता में कहा कि अपने परम मित्र अडानी को बचाने के लिए पीएम मोदी लोकतंत्र का गला घोंट रहे हैं। राहुल गांधी को निशाना बनाया गया है, क्योंकि उन्होंने मोदी से अडानी के बारे में पूछा। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लोकतंत्र को बचाने के लिए सब कुछ करेगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने संसद में अपने भाषण में अडानी महाघोटाले पर 2 सीधे सवाल पूछे। क्या अडानी की शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ या 3 बिलियन डॉलर हैं? अडानी इस पैसे को खुद कमा नहीं सकता, क्योंकि वो इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है। यह पैसा कहां से आया? किसका काला धन है? ये किसकी कंपनियां हैं? ये कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही है। कोई क्यों नहीं जानता? यह किसका पैसा है?
गृहमंत्री ने पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी का अडानी से क्या रिश्ता है? उन्होंने कहा कि अडानी के घोटाले पर संसद में राहुल गांधी के भाषण के ठीक 9 दिन बाद, उनके खिलाफ मानहानि का मामला फिर से शुरू हो गया। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े के भाषण से अडानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश और राहुल गांधी के भाषण (लगभग पूरी तरह से) को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया, क्यों ?
गृहमंत्री श्री साहू ने कहा कि संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा संसद को बाधित कर रही है और काम नहीं करने दे रही है। यह अडानी को बचाने के लिए ध्यान भटकाने की साजिश है। जबकि संयुक्त विपक्ष इस पर संयुक्त संसदीय समिति चाहता है।
राहुल गांधी पर भाजपा मंत्रियों द्वारा हमला किया गया। लोक सभा अध्यक्ष को राहुल ने दो लिखित अनुरोध किये कि उनको संसद में जवाब देने दें। इसके बाद तीसरी बार अध्यक्ष से मीटिंग भी की पर तीन अनुरोधों के बावजूद अध्यक्ष ने संसद में उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया। इससे साफ़ है कि पीएम मोदी नहीं चाहते कि अडानी के साथ उनके रिश्ते का पर्दाफाश हो। बीजेपी की ध्यान भटकाने की कवायद 3 हास्यास्पद आरोपों से साबित होती है। राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में क्या भाषण दिया। उस पर बातें शुरू कर दी। उनका स्पष्टीकरण देने के लिए लोकसभा स्पीकर ने उन्हें समय नहीं दिया। लोकसभा में जब बोलने की कोशिश की, तो सत्तापक्ष की ओर से व्यवधान किया गया। राहुल की सदस्यता रद्द करने की मांग उठाई गई, लेकिन उसमें दम नहीं था। बाद में भारत जोड़ो यात्रा में महिलाओं की पीड़ा को लेकर राहुल गांधी ने जो भाषण दिया था, उसे लेकर माहौल बनाया गया।
गृहमंत्री श्री साहू ने कहा कि भाजपा अब झूठा खड़ा कर रही कि राहुल गांधी ने ओबीसी को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया, क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी से एक सवाल किया था। यह ध्यान भटकाने का एक और बोगस हथकंडा है, जो व्यक्ति एकता फैलाने के लिए भारत जोड़ों यात्रा में 4 हजार किमी पैदल चल सकता है, वो कैसे एक समुदाय को निशाना बनाएगा?
श्री साहू ने तीसरा बिंदु उठाते हुए कहा कि सूरत में एक निचली अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर भाजपा ने गांधी की लोकसभा से सदस्यता रद्द करने बिजली की गति से काम किया, भले ही अदालत ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था। भाजपा राहुल गांधी से इतना डरती क्यों है? श्री साहू ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप भाजपा का घटिया हताशा साबित करता है। राहुल गांधी पूछ रहे थे कि कुछ चोरों का एक ही उपनाम (नीरव मोदी ललित मोदी और नरेंद्र मोदी) क्यों है, उन्होंने ऐसा नहीं कहा है कि सारे मोदी चोर हैं। उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया। न नीरव मोदी और न ही ललित मोदी ओबीसी है। और उनकी जाति जो भी हो, क्या उन्होंने धोखाधड़ी नहीं की? भाजपा धोखेबाजों और भगोड़ों को क्यों बचा रही है? वहीं कांग्रेस पार्टी में 2 ओबीसी मुख्यमंत्री हैं। इससे साबित होता है कि कांग्रेस उनके योगदान को महत्व देती है। गृहमंत्री श्री साहू ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेसी विरोधियों से कतई नहीं डरेंगे। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस सीधे लोगों के पास गई और उनकी चिंताओं को सुना महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक असमानता और संस्थानों पर कब्जा, इन सब मुद्दों को उठाया। हम लोगों के इन मुद्दों को उठाते रहेंगे और अपना संदेश सीधे लोगों तक पहुंचाते रहेंगे।
प्रेसवार्ता में विधायक अरुण वोरा, महापौर धीरज बाकलीवाल, राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग उपाध्यक्ष आरएन वर्मा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी महामंत्री जितेंद्र साहू, धर्मेंद्र यादव, दुर्ग जिला कांग्रेस अध्यक्ष गया पटेल, भिलाई जिला कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर, दुर्ग लोकसभा युवा कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष अयूब खान भी मौजूद रहे।