राजनांदगांव

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 1 अप्रैल। मार्च के महीने में बेमौसम हुई बारिश का सिलसिला आखिरी दिन तक जारी रहा। मार्च महीने के हर दूसरे दिन बादल बरसे। फरवरी के तुलना में मार्च के महीने में गर्मी नदारद रही। मार्च माह के महीने की शुरूआत से अंत तक चक्रवाती सिस्टम से बौछारे पड़ी। बादलों की अस्थाई डेरा से तापमान फरवरी की अपेक्षा कम रहा। जिसके चलते लोगों को मार्च के महीने में चूभती गर्मी का अहसास नहीं हुआ। इधर बेमौसम बारिश से गेहूं और धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। रबी की प्रमुख फसलों में गेहूं की पैदावार बेमौसम बारिश से प्रभावित हुई है। वहीं चने की फसल को भी आंशिक नुकसान हुआ है।
31 दिन के मार्च महीने में 14 दिन तक बारिश हुई। 14 दिनों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। मार्च के आधे दिन बारिश दर्ज हुई है। इसकी वजह चक्रीय चक्रवात सिस्टम, द्रोणिका और खाड़ी से आने वाली नमी बनी है। शुक्रवार को भी शहर सहित जिले के अलग-अलग इलाकों में हल्की बारिश दर्ज की गई। वहीं कुछ हिस्सों में अंधड़ जैसी स्थिति भी निर्मित हुई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण पश्चिम राजस्थान के ऊपर 1.5 किमी तक विस्तारित है। वहीं एक द्रोणिका दक्षिण तमिलनाडु से उत्तर छत्तीसगढ़ तक 0.9 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है। इसी सिस्टम से प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार बारिश की स्थिति बनी हुई है। यह सिस्टम अब भी सक्रिय है। आज शनिवार को भी राजनांदगांव शहर में सुबह आसमान में बादल छाने के साथ ही हल्की बूंदाबांदी भी हुई।
इधर रबी सीजन में बेमौसम बारिश ने सबसे अधिक नुकसान सब्जी फसल को पहुंचाया है। इसके अलावा बिगड़े मौसम से दूसरी सब्जी फसल में भी कीट प्रकोप की स्थिति बनी हुई है। साथ ही रबी के गेहूं और चने की फसल को भी बारिश से नुकसान पहुंचा है। किसानों को हुए नुकसान का सर्वे भी किया जा रहा है, ताकि उचित क्षतिपूर्ति दिया जा सके।
धूप-छांव का नजारा
आज शनिवार को राजनांदगांव शहर में सुबह आसमान में बादल छाने के साथ ही हल्की बूंदाबांदी भी हुई। वहीं आसमान में काले बादल भी छाए रहे। दोपहर तक आसमान में धूप निकलने और बादल छाने का सिलसिला चलता रहा है। ऐसे में लोगों को गर्मी से जहां राहत मिली।