कांकेर

कांकेर में हो रही गुलाब की हाईटेक खेती
07-Apr-2023 2:58 PM
कांकेर में हो रही गुलाब की हाईटेक खेती

राजधानी सहित शहरों में हो रही गुलाब के डच वैरायटी की आपूर्ति

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कांकेर/ रायपुर, 7 अप्रैल।
छत्तीसगढ़ के वनांचल के कांकेर जिले में गुलाब की हाईटेक खेती हो रही है। किसान नीदरलैंड के डच वैरायटी के गुलाब का उत्पादन कर रहे हैं।
ऐसे ही एक किसान गिरजा निषाद हैं, जिन्होंने अपनी पुश्तैनी खेती में बदलाव लाकर गुलाब की खेती शुरूआत की और अब सालाना लाखों रूपये की कमाई कर रहे हैं। उनके खेतों के डच गुलाब की खुशबू और रंगत अब रायपुर ही नहीं बल्कि अन्य शहरों में बिखर रही है। इससे उनकी जिन्दगी भी महक उठी है।

राजधानी रायपुर के साथ ही राज्य के अन्य बड़े शहरों में सजावट के लिए गुलाब सहित अन्य फूलों की बड़ी मांग है। इसको देखते हुए राज्य सरकार द्वारा किसानों को फूलों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन में फूलों की उन्नत खेती के लिए पॉलीहाउस निर्माण सहित अन्य आदानों के अलावा उद्यान विभाग द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन भी उपलब्ध कराया जाता है। किसानों को पॉलीहाउस निर्माण के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण अनुदान की भी व्यवस्था की जाती है।  

कांकेर जिले के ग्राम चौगेल के गिरजा निषाद को अपने एक एकड़ में फूलों की खेती प्रतिदिन 9 से 10 हजार रूपए की आमदनी हो रही है। उन्होंने अपने खेत में बनाए गए पॉलीहाउस में नीदरलैंड की डच वैरायटी के गुलाब के पौधे लगाए हैं। सिर्फ एक एकड़ खेत में ही प्रतिदिन 45 से 50 किलो गुलाब के फूल का उत्पादन उन्हें मिल रहा है। जिसे दो सौ रुपए प्रति किलोग्राम की दर से रायपुर में पैकेजिंग कर बिक्री के लिए भेजा जाता है।

गिरजा ने बताया कि पॉलीहाऊस में फूलों की तोड़ाई एवं देखभाल के लिए चार मजदूर रखा गया है। उन्होंने बताया कि अन्य फसलों में तीन से चार माह की कड़ी मेहनत के बाद एक बार ही उत्पादन मिलता है, लेकिन गुलाब की खेती में रोपण के दो से तीन महीने के बाद से उत्पादन शुरू हो जाता है, जो लगातार तीन साल तक चलता रहता है। तीन वर्ष बाद गुलाब के डंठल का फिर से रोपण कर समय-समय पर देखरेख और कांट-छांट किया जाता है।

कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि किसान  गिरजा निषाद को गुलाब की खेती और पॉलीहाउस निर्माण के लिए राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड से 50 प्रतिशत अनुदान पर 31 लाख रुपए की सब्सिडी दी गई है। गुलाब की खेती के लिए मिट्टी छिद्रपूर्ण और जल निकासी अच्छी होनी चाहिए। श्री गिरजा के खेत में पथरीली मरहान भूमि होने से अनाज की फसल लेना संभव नहीं था। इस भूमि में गुलाब ने सफल परिणाम दिए हैं।

उन्होंने बताया कि गुलाब को फूलों का राजा कहा जाता है। उसकी राष्ट्रीय -अंतरराष्ट्रीय बाजारों में काफी मांग है। गुलाब के फूलों से गुलकंद, गुलाब जल, तेल, सौंदर्य प्रसाधन, साबुन, अगरबत्ती, इत्र, जैम जैली, पेय पदार्थ इत्यादि बनाए जाते हैं। गुलाब की खेती से किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news