राजनांदगांव

मदरसे की पढ़ाई को आतंकवाद से जोडऩा निंदनीय- आलम
08-Apr-2023 3:38 PM
मदरसे की पढ़ाई को आतंकवाद से जोडऩा निंदनीय- आलम

कई महापुरूषों की शिक्षा मदरसे में हुई थी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 8 अप्रैल।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव आफताब आलम ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि भारत वर्ष के महान हिन्दू समाज सुधारक राजा राममोहन राय जिन्हेंं भारतीय राष्ट्रवाद का अग्रदूत माना गया, उनकी प्राथमिक शिक्षा मदरसे में हुई। साथ ही सिख समाज के गुरू श्री गुरूनानक, देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद तथा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद एवं विश्व विख्यात साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद की बुनियादी शिक्षा-दीक्षा भारत के मदरसे में हुई। भाजपा के नेताओं द्वारा हाल ही में मदरसों पर दिए गए बयान अत्यंत ही निंदनीय है।

श्री आलम ने कहा कि उपरोक्त ही कई ऐसे महापुरूषों की शिक्षा-दीक्षा मदरसों में हुई है तथा उन्होंने भारत वर्ष का विश्वभर में परचम फहराया है। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलनों में भी दारूल-उलुम जैसे मदरसों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। सन् 1864 से 1867 तक 80 हजार से ज्यादा मदरसों के मौलानाओं को फांसी पर लटकाया गया।

श्री आलम ने कहा कि जहां तक देश के सबसे बड़े बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की बात है तो उसकी स्थापना प्रखर हिन्दू समाज सुधारक एवं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष महामना मदन मोहन मालवीय ने की थी। ज्ञात हो कि आरएसएस एवं जनसंघ ने आजादी के आंदोलनों से तो अपने आपको दूर रखा। साथ ही भारतीय समाज को जोडऩे में इनकी भूमिका नगण्य रही।  

श्री आलम ने कहा कि भाजपा द्वारा लगातार देश का इतिहास बदलने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। हाल ही में उन्होंने  एनसीईआरटी के किताबों में जो इतिहास बदलने का कार्य किया है, वह वर्तमान एवं आने वाली पीढिय़ों के साथ एक छलावा मात्र है।
भाजपा नेताओं द्वारा हाल ही में मदरसों के लिए जो बात कही गई है, उससे उपरोक्त वर्णित महापुरूषों की शिक्षा में प्रश्न चिन्ह लगाना निश्चित रूप से अशोभनीय एवं निंदनीय है। भाजपा को अपने नेताओं द्वारा दिए गए ऐसे बयान एवं कृत्य पर देश से माफी मांगनी चाहिए।

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