जान्जगीर-चाम्पा

जांजगीर-चांपा, 14 अप्रैल। महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से एक नाबालिग कन्या का विवाह से रोका गया।
बाल विवाह संबंधी सूचना मिलने पर जिला कार्यक्रम अधिकारी अनीता अग्रवाल एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी सूर्यकांत गुप्ता के मार्गदर्शन में पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए ग्राम में बालिका के घर जाकर बालिका के उम्र सत्यापन हेतु अंकसूची की मांग की गई. जिस पर परिवार वालों ने बालिका के उम्र संबंधी समस्त दस्तावेज जल गया है अवगत कराया गया।
बालिका के उम्र के संबंध में परिवार से जानकारी लेने पर परिवार वालों ने बताया कि बालिका की उम्र लगभग 15 वर्ष है जिसका विवाह 22 वर्षीय युवक के साथ 11 अप्रैल को निर्धारित था बारात आ चुकी थी। रात लगभग 10 बजे शिक्षा विभाग से समन्वय कर दाखिल खारिज प्राप्त किया गया।
जिसमें बालिका का उम्र 12 वर्ष 4 माह 7 दिन होना पाया गया।
दोनों पक्षों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया एवं समझाईश के पश्चात सरपंच एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में दोनों वर पक्ष तथा वधु पक्ष की सहमति से बालिका का विवाह रोका गया है।
दल में जिला बाल संरक्षण इकाई से जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेंद्र सिंह जायसवाल, मनीषा जांगड़े पर्यवेक्षक, डेटा एनालिस्ट धीरज राठौर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सावित्री दिनकर, भगवती साहू पुलिस विभाग से सहा उप निरीक्षक नीलमणी कुसुम, आरक्षक रज्जू रात्रे, आरक्षक विश्वजीत आदिले थाना पामगढ़ शामिल थे।
ज्ञात हो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लडक़ी की उम्र 18 वर्ष तथा लडके की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। अधिनियम के तहत 2 वर्ष के कठोर सश्रम कारावास तथा एक लाख के जुर्माने अथवा दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है।