कोरबा
पूर्व विधायक वीरेंद्र पांडेय ने दायर की है जनहित याचिका
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 17 अप्रैल। प्रदेश के विभिन्न जिलों में फ्लाई ऐश की जांच के लिए हाईकोर्ट की ओर से गठित न्याय मित्रों की टीम ने कोरबा जिले का भ्रमण कर विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया। इसकी रिपोर्ट वे हाईकोर्ट में सौंपेंगे।
ज्ञात हो कि कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा सहित प्रदेश के अन्य जगहों पर संचालित बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राख के समुचित प्रबंधन और निपटान को लेकर कोरबा निवासी रामअवतार अग्रवाल ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका दायर की थी। मगर अपेक्षित फैसला नहीं आने के बाद पूर्व विधायक और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है।
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इसकी सुनवाई करते हुए 3 न्यायमित्रों की टीम गठित की है। इसमें अधिवक्ता प्रतीक शर्मा, सिद्धार्थ दुबे और सूर्या काबलकर डांगी शामिल हैं। यह टीम विभिन्न जिलों में पावर प्लांट और अन्य उद्योगों से निकलने वाले राखड़ के प्रदूषण और उसकी डंपिंग का मुआयना कर रहे हैं। याचिका में कोरबा शहर और आसपास के गांव के कुल 8 स्थानों का उल्लेख किया गया है। मित्रों की टीम ने तरदा गांव से इसकी शुरुआत करते हुए सभी स्थानों पर राख की डंपिंग का जायजा लिया। उनके साथ याचिकाकर्ता वीरेंद्र पांडेय भी थे। प्रशासन की ओर से एसडीएमसी महापात्र और तहसीलदार मुकेश देवांगन भी मौजूद थे। न्याय मित्रों ने बताया कि वे अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपेंगे।
उल्लेखनीय है कि बिजली संयंत्रों से कोरबा में भारी मात्रा में राखड़ निकल रहा है। इससे प्राकृतिक जलस्रोत, नदी-नाले भी पट गए हैं। न्याय मित्रों ने देखा कि रोजगार गारंटी योजना से बनाए गए तालाब को भी राख से पाट दिया गया है। वन विकास निगम के पौधारोपण क्षेत्र में भी राख का पहाड़ खड़ा कर दिया गया है। मरघट को भी राख से पाट दिए गए हैं।
एनजीटी का निर्देश है की बिजली संयंत्रों से निकलने वाले राख का प्रतिवर्ष शत-प्रतिशत निपटारा होना चाहिए। पर ऐसा नहीं हो रहा है। जनहित याचिका पर होने वाली अगली सुनवाई में नए मित्रों की रिपोर्ट रखी जाएगी।