रायगढ़
ग्रामीणों ने दी चक्काजाम की चेतावनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 22 मई। पावर प्लांटों से निकलने वाले फ्लाई एश का निराकरण करने के लिए बनाई गई गाइडलाइन दरकिनार कर दी गई है। उद्योगों ने अपने ट्रांसपोर्टरों को खेतों में बिना अनुमति एश डंप करने का ठेका दिया है। जिले में फ्लाई एश के कारण सबसे ज्यादा प्रदूषित धनागर है। यहां हाइवे किनारे दोनों ओर एश डंप है। अब ग्रामीणों ने एसडीएम से लिखित शिकायत की है। साथ ही आवेदन में एनएच में चक्का जाम की बात भी कही है।
फ्लाई एश का शतप्रतिशत डिस्पोजल करने के लिए पावर प्लांटों ने कभी कोई प्लान नहीं बनाया। इसलिए आज ऐसी हालत हो गई है कि रोड किनारे की जमीनों में बेरोकटोक एश डाला जा रहा है। सबसे ज्यादा फलाई एश एनएच 49 के किनारे डाला गया है। जांच की जाए तो जिले में एश के कारण सबसे ज्यादा प्रदूषित गांव धनागर होगा। ग्रामीणों ने एसडीएम रायगढ़ से इसकी शिकायत की है। ग्रामीणों का कहना है धनागर गांव का श्यामाचरण पटेल उर्फ मुन्ना पटेल पिता डोरीलाल पटेल ढाबा बनाने के लिए खेतों में एश डंप कर रहा है। हाइवे किनारे एश डालने के कारण प्रदूषण बड़ता जा रहा है।
कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार और पर्यावरण अधिकारी से शिकायत के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आंधी और बारिश में यह एश पास के खेतों में जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो हाइवे में चक्काजाम किया जाएगा।
पूर्व में धनागर के किसानों मोहन लाल व मदनलाल और रामेश्वर पटेल निवासी ग्राम धनागर ने भी एनएच 49 के अगल-बगल स्थित अपनी कृषि भूमि खसरा न. 122-1 रकबा 0.189 और खनं 100-1 रकबा 0.029 हे. में अवैध रूप से फ्लाई एश डाले जाने की शिकायत की थी। तीनों ने श्यामाचरण उर्फ मुन्ना पटेल पिता डोरीलाल पटेल निवासी धनागर द्वारा ढाबा बनाने के लिए अवैध फ्लाई एश डंप करने का आरोप लगाया है। इस मामले में एक साल से कार्रवाई अपेक्षित है। इस बीच हजारों टन एश डंप किया जा चुका है। अफसरों ने कार्रवाई के बजाय संरक्षण दिया है।