कवर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कवर्धा, 24 मई। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र बैगाओं को जमीन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाला मलेश मरकाम चढ़ा कुकदुर पुलिस के हत्थे। सरहदी राज्य के बैगाओं का जमीन कान्हा टाइगर रिजर्व में आने की खबर मिलते ही चलाया धोखेबाजी का जादू। आरोपी द्वारा दूसरे की जमीन को स्वयं का जमीन बताकर 20 बैगा परिवार से जमीन बिक्री करने का रकम लेकर किया ठगी।
कबीरधाम जिले के वनांचल थाना कुकदूर क्षेत्र में निवासरत दरबारी बैगा (65) कुकदुर जिला कबीरधाम ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि 10 वर्ष पूर्व ग्राम साजालगान तहसील बिक्रिया जिला मण्डला म.प्र. में निवासरत थे कि इनका ग्राम कान्हा टाईगर रिजर्व में आने से शासन के निर्देशानुसार विस्थापन हेतु शासन से इनके मकान एवं जमीन के एवज में प्रत्येक विस्थापित हुये बैगाओं को 10-10 लाख स्वीकृत हुआ था तथा प्रथम किस्त 11 लाख रूपये शासन से इनका भारतीय स्टेट बैंक में खाता खोलवाकर रकम ढाला गया था कि यह खबर मिलते ही आरोपी मलेश मरकाम द्वारा जो कि प्रार्थी का मितान का पुत्र है इनके ग्राम साजालगान (म.प्र.) आकर इन्हें एवं 19 अन्य बैगा परिवार को ग्राम महिडबरा में दूसरे की जमीन को स्वयं का भूमि बताकर दिखाया व प्रत्येक बैगा परिवार से 95000 रू. एकड़ की भाव से सौदा कर कुल 11,80,000/ रू. लिया था तथा दूसरे की जमीन में बसा दिया था, जो कुछ दिन बाद उक्त जमीन का स्वामी आकर इन्हें बताया कि यह जमीन मेरा है तब उक्त बैगा परिवारों ने मलेश मरकाम को कहा गया कि तुम दूसरे की जमीन को अपना बताकर हम लोगों से पैसा लिये हो रजिस्ट्री नहीं करा रहे। ये कहने से आरोपी द्वारा रकम वापस करने इकरारनामा दिया गया इसके बावजूद आरोपी द्वारा विगत 10 वर्षों से गरीब बैगा परिवारों को पैसा वापस करने टाल मटोल करते रहा। आरोपी द्वारा आज दिनांक तब रकम वापस नहीं करने व कुल 6.40 लाख की धोखाधड़ी करने की लिखित आवेदन पेश किया गया।
बैगाओं से हुई उक्त घटना के घटित होने की सूचना थाना प्रभारी कुकदूर द्वारा पुलिस अधीक्षक कबीरधाम एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बोड़ला को दिया गया।
आवेदक की रिपोर्ट के आधार पर थाना कुकदरू में धारा 420 भादवि कायम कर आरोपी मलेश मरकाम की पतासाजी एवं गिरफ्तारी कार्रवाई के लिए विशेष टीम गठित किया गया। जो टीम द्वारा आरोपी मलेश मरकाम (42) लालपुर खुर्द थाना बोड़ला जिला कबीरधाम की पतासाजी कर गिरफ्तारी कार्रवाई कर बिना विलम्ब किये टीम गठित कर अपराध कायमी के कुछ समय बाद गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर रिमाण्ड पर भेजा गया।