बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा बाजार, 25 मई। फर्जी दस्तावेज बनाकर पंजीयन कराने के मामले में बनाई गई 4 सदस्य टीम ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इसके लिए फार्मेसी काउंसलिंग से पंजीकृत सदस्यों के दस्तावेज मंगाए जाएंगे। संबंधित कमेटी इसकी तस्दीक करेगी कि फार्मेसी सीटों ने डिग्री अथवा डिप्लोमा से संबंधित जो दस्तावेज पेश किए हैं व असली है अथवा नकली।
ज्ञात हो कि फर्जी दस्तावेज के जरिए फार्मेसी काउंसलिंग में रजिस्ट्रेशन करवा कर दवा कारोबार करने का मामला पिछले साल सामने आया था। जिसके बाद काउंसलिंग में पंजीकृत 23000 से अधिक सदस्यों में 500 से ज्यादा लोगों के फर्जी होने की आशंका थी। इस मामले में केवल 28 लोगों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराया गया था इसके बाद कुछ समय पहले हुए चुनाव में इनके द्वारा वोटिंग किए जाने के आरोप लगे थे। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा था, जिसके बाद मामले की विस्तृत जांच के लिए डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, डॉ. मथिलेश चौधरी, डॉ. विनय फूलमती तथा दिलीप बंजारे की कमेटी बनाई गई है।
कमेटी को इस गड़बड़ी की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले में कमेटी ने अपनी पहली बैठक के बाद फार्मेसी काउंसलिंग से सदस्यों की जानकारी और आवश्यक दस्तावेज मंगाने की तैयारी में हैं।
फार्मेसी से मिली जानकारी को क्रॉस चेक करने के लिए संदिग्ध नजर आने वाले के बारे में दूसरे सदस्यों के फार्मेसी डिग्री अथवा डिप्लोमा का कोर्स संचालित करने वाले विश्वविद्यालयों से मंगाई जाएगी। जांच समिति से जुड़े सदस्यों का कहना है कि जांच बहुत लंबी है। इसे पूरा करने में काफी वक्त भी लग सकता है।
दूसरे राज्यों के जाली दस्तावेज
सूत्रों के मुताबिक फर्जी दस्तावेज का खेल छत्तीसगढ़ के बजाय दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालय के माध्यम से खेला गया है। पूर्व में फार्मेसी काउंसलिंग द्वारा बिना किसी परीक्षा के इसका पंजीयन करवा लिया गया था। शिकायत इस बात की भी रही है कि 4.30 हजार लोगों ने केवल अनुभव के आधार पर फार्मा सीट्स के रूप में अपना पंजीयन करवाया था इस तरह की तमाम शिकायतों को जांच के दायरे में लाया जा रहा है।