धमतरी

जिले के गौठानों में मवेशियों के लिए चारा-पानी की पर्याप्त व्यवस्था
26-May-2023 3:03 PM
जिले के गौठानों में मवेशियों के लिए चारा-पानी की पर्याप्त व्यवस्था

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 25 मई।
राज्य शासन की महती गोधन न्याय योजना के तहत जिले में स्वीकृत गौठानों में नियमित रूप से गोबर खरीदी की जा रही है। साथ ही जैविक खाद का निर्माण और विक्रय कर स्व सहायता समूह भी आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है। इसके अलावा गौठानों में मवेशियों के लिए पानी और चारे की भी उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। 

विगत दिनों कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा जिले के धमतरी, कुरूद और मगरलोड विकासखण्ड के 05 गौठानों का भ्रमण किया गया एवं आपत्तियां जताते हुए भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किये गये है। धमतरी विकासखण्ड के ग्राम मोंगरागहन स्थित गौठान के बारे में पूछा गया कि गौठान में पानी की व्यवस्था, गौठान में बड़े-बड़े गड्ढे हैं, जिनकी सफाई नहीं है, गोबर खरीदी नाम मात्र की जा रही है एवं गोबर खुले में पड़ा है, जिससे कम्पोस्ट बनाना मुश्किल है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने बताया कि गौठान के समीप भवन से नलजल के तहत पानी की व्यवस्था की जा रही है। बड़े-बड़े गड्ढों का निरीक्षण कर सुधार और साफ-सफाई कराई जाएगी। वर्तमान में गोबर का उपयोग हितग्राही द्वारा कण्डे बनाने में किया जा रहा है, जिसके कारण गोबर खुले में रखा है।

कुरूद के बगदेही गौठान के बारे में पूछा गया कि गौठान में स्वीकृत राशि नरेगा एवं 14 वें वित से व्यय कितना हुआ, सीपीटी है तो फेंसिंग क्यों किया, गोबर खरीदी नियमित हो रहा कि नहीं, पोल फेंसिंग को कहां से खरीदे हैं और चटौद से खरीदने कौन बोला है। इस पर बताया गया कि गौठान में मनरेगा से 7.72 लाख रूपये एवं 14 वें वित्त की राशि 3.96 लाख रूपये व्यय हुआ है। 14 वें वित्त से पोल फेंसिंग, बोर खनन, सोलर पंप, पाईप लाइान कार्य में राशि किया गया है। वहीं पशुओं एवं निर्मित संरचना की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए फेंसिंग कार्य किया गया है। 

गौठान समिति द्वारा पशुपालकों से नियमिति गोबर खरीदा जा रहा है। पोल फेंसिंग चटौद से खरीदा गया है। शासन के निर्देशानुसार स्व सहायता समूह द्वारा बनाए गए पोल फेंसिंग को ग्राम पंचायतों में खरीदी करने का निर्देश दिया गया था।

इसी तरह सिवनीकला गौठान कौन से मद से बना, नरेगां एवं 14 वें वित्त से व्यय राशि, अब तक कितने गोबर बेचे, कितना भुगतान, कितना शेष, वर्मी खाद कहां बेच रहे, गौठान समिति की राशि की जानकारी सचिव बताते हैं कि नहीं समूह के दीदी से पूछा गया, गौठान निर्माण के लिए निर्माण में प्रावधान है कि नहीं पूछे जाने पर बताया गया कि गौठान मनरेगा एवं 15 वें वित्त से बना है। मनरेगा से 6.56 लाख एवं 15 वें वित्त से 9.80 लाख रूपये व्यय हुआ है तथा 1 लाख 16 हजार 362 रूपये शेष है। वर्मी खाद सहकारी समिति में दिया जा रहा है, सहकारी समिति द्वारा किसानों को प्रदाय किया जा रहा है।

प्रतिमाह गौठान समिति की बैठक में सचिव द्वारा गौठान समिति में प्राप्त राशि की जानकारी दी जाता है। मनरेगा योजना के अनुमेय कार्यों की सूची के क्रमांक 215 में सामुदायिक पशु आश्रय स्थल का उल्लेख है, जिसके आधार पर गौठान निर्माण किया गया है। मूरा स्थित गौठान के बारे में पशु संख्या, फेंसिंग पोलन का एकड़, मनरेगा से व्यय एवं 14 वें वित्त से व्यय, गोबर खरीदी की राशि कहा से होता है, पानी की क्या व्यवस्था है सवाल के जवाब में बताया गया कि गौठान में पशुओं की संख्या 550, फेंसिंग पोल 6 एकड़ एरिया में किया गया है। साथ ही मनरेगा से व्यय 1.41 लाख एवं 15 वें वित्त से 5.88 लाख रूपये, गोबर खरीदी का भुगतान गौठान समिति द्वारा किया जाता है। 

पानी की व्यवस्था हेतु बोरवेल है, किन्तु चोरी हो गया, जिसका थाने में रिपोर्ट किया गया है और वैकल्पिक व्यवस्था हेतु पास में तालाब है।
मगरलोड विकासखण्ड के बोडऱा स्थित गौठान के जगह की कमी, गौठान में पानी एवं चारा की समस्या, बाहर में गोबर खरीदी के संबंध में बताया गया कि बोडऱा गौठान में पानी की व्यवस्था ट्यूबवेल में 03 एच.पी. का सबमर्सिबल पंप के द्वारा किया जा रहा है। पैरा की व्यवस्था है और बाहर में गोबर खरीदी करके रखा गया है, नमी जाने के बाद वर्मी टांका में गोबर को डाला जाएगा। 
 

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