सरगुजा
मामला जल संसाधन के तत्कालीन ईई व दो कर्मियों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने के बाद कार्रवाई नहीं करने का
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर,26 मई। रामानुजगंज जल संसाधन विभाग के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता एवं दो अन्य कर्मचारियों के विरुद्ध रामानुजगंज थाने में 420 का अपराध दर्ज होने के उपरांत, पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रामानुजगंज ने सरगुजा रेंज आईजी राम गोपाल गर्ग,पुलिस अधीक्षक बलरामपुर मोहित गर्ग एवं रामानुजगंज थाना प्रभारी संतलाल आयाम के विरुद्ध अवमानना का नोटिस जारी करते हुए 21 जून तक उक्त पुलिस अधिकारियों को जवाब-तलब किया है।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रामानुजगंज पंकज आलोक तिर्की के न्यायालय के द्वारा जल संसाधन विभाग रामानुजगंज के अधिकारियों यू एस राम, सुजीत गुप्ता और राजेंद्र सिंह के विरुद्ध करोड़ों रुपए के घोटाला करने के संबंध में अपराध दर्ज करने का आदेश दिया गया था, जिसमें थाना रामानुजगंज के द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया, लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी अपराध में संलग्न अधिकारियों की न तो गिरफ्तारी की जा रही है और न ही मामले में विवेचना कर न्यायालय में अंतिम प्रतिवेदन चालान प्रस्तुत किया जा रहा है।
इस मामले को लेकर डीके सोनी के द्वारा पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा संभाग एवं पुलिस अधीक्षक बलरामपुर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रामानुजगंज के आदेश का पालन करने तथा अपराध में तत्काल कार्रवाई करने का निवेदन किया गया, लेकिन उसके बाद भी पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग एवं पुलिस अधीक्षक बलरामपुर मोहित गर्ग के द्वारा आरोपी यूएस राम कार्यपालन अभियंता एवं राजेंद्र प्रसाद सिंह एवं सुजीत कुमार गुप्ता के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।
न्यायालय के आदेश जिसमें 7 दिवस के अंदर विवेचना कर अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश था की अवमानना होने के कारण 24 मई को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रामानुजगंज के न्यायालय में डीके सोनी अधिवक्ता एवं आरटीआई कार्यकर्ता के द्वारा अवमानना आवेदन पेश किया गया।
डीके सोनी द्वारा प्रस्तुत अवमानना आवेदन में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के द्वारा आवेदन स्वीकार करते हुए थाना प्रभारी रामानुजगंज संतलाल आयाम, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर मोहित गर्ग एवं पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा राम गोपाल गर्ग को नोटिस जारी कर 21 जून 2023 को जवाब तलब किया गया है।
जल संसाधन विभाग के दो मामलों में करोड़ों के घोटाले में अपराध दर्ज होने के बाद भी विवेचना में जानबूझ कर लापरवाही करने और अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं करने और अंतिम प्रतिवेदन चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं करने के कारण डीके सोनी के द्वारा अवमानना आवेदन पेश किया गया है।