सरगुजा

गौठानों के माध्यम से पशुओं की देखरेख के साथ गांवों में जाकर भी जिम्मेदारी उठा रही हैं स्वावलंबी महिलाएं
26-May-2023 7:47 PM
गौठानों के माध्यम से पशुओं की देखरेख के साथ गांवों में जाकर भी जिम्मेदारी उठा रही हैं स्वावलंबी महिलाएं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
अंबिकापुर,26 मई।
ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं की चिकित्सा की स्थिति में ईलाज के लिए अब ग्रामीणों को अन्यत्र नहीं जाना पड़ता है, क्योंकि पशु उद्यम सखियां स्वयं गांव-गांव पहुंचकर ईलाज की सुविधा पहुंचा रही हैं। गौठानों में पशुओं के रहने से उन्हें यहीं चिकित्सा सुविधा मिल जाती है और इस कार्य के लिए कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं बल्कि ग्रामीण महिलाएं ही सक्षम हो चुकी हैं।

रूपा जैसी ग्रामीण महिलाएं लिख रही हैं आर्थिक सशक्तीकरण की नई कहानी- सरगुजा जिले में रूपा नाम की ऐसी ही एक पशु उद्यमी सखी हैं जिन्होंने गौठान समूह से जुडक़र पहले तो अपनी कार्यकुशलता में वृद्धि की और अब पशुओं की छोटी-मोटी बिमारियां, टीकाकरण, कृमि निवारण, कृत्रिम गर्भाधान, खान-पान आदि का कार्य कर आर्थिक रूप से भी सशक्त हो गयी हैं। पिछले दो वर्षों से रूपा ये कार्य कर रही है और अब उनके जैसी सैकड़ों महिलाएं पशु उद्यमी सखी  बनकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। इस कार्य के लिए पशु उद्यमी सखियों को सुव्यवस्थित ड्रेस, आधारभूत किट उपकरण एवं जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराया गया है।

रूपा, सरगुजा जिले में आरती स्व-सहायता समूह से जुड़ी हैं। वो गौठानों में पशु चिकित्सा शिविरों में भी ड्यूटी करती हैं। टीकाकरण, डिवॉर्मिंग, बीमार पशुओं के इलाज इत्यादि कार्य करती हैं। प्रति टीकाकरण रूपा को 7 रुपये मिलते हैं और इस कार्य से प्रतिमाह रूपा को प्रतिमाह 5-6 हज़ार रुपये की आय हो जाती है।

सरगुजा जिले में काम कर रही हैं 125 पशु उद्यमी सखियां- सरगुजा जिले में कुल 555 पशु सखियां कार्यरत हैं ,इनमें से 125 पशु सखियों को पशु चिकित्सा विभाग और कृषि विज्ञान केन्द्र, अम्बिकापुर के सहयोग से प्रशिक्षण देकर ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के बेहतर इलाज के लिए महिलाओं को पशु उद्यमी सखी बनाया गया। इन्हें पशु चिकित्सा विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र की तरफ से 10 दिनों का प्रारंभिक प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद एक महीने का फील्ड एक्सपोजर और आवश्यक प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। अंतिम चरण में दो दिवसीय प्रशिक्षण के बाद टेस्ट में प्राप्त ग्रेडिंग के आधार पर इन पशु सखियों को क्षेत्र में संलग्न कर दिया गया जिसके बाद ये पशु सखियां पशु उद्यमी सखी कहलाने लगी हैं।

जिले के गौठानों में एक वित्तीय वर्ष में 25 हजार पशुओं का उपचार- पशु चिकित्सा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा जिले में वित्तीय वर्ष 2022-23 में गौठानों में 1066 पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 5 हजार 684 कृत्रिम गर्भाधान, 1 हजार 862 वत्सोत्पादन, 6 हजार 154 बधियाकरण, 23 हजार 277 टीकाकरण, 25  हजार 213 पशुओं का उपचार, 3 हजार पशुओं को कृमिनाशक देने का कार्य किया जा चुका है।

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