राजनांदगांव

छग के कर्मियों की कार्यदक्षता के कारण राज्य का हुआ विकास - फेडरेशन
28-May-2023 3:21 PM
छग के कर्मियों की कार्यदक्षता के कारण राज्य का हुआ विकास - फेडरेशन

राज्य के अधिकारी-कर्मचारियों ने पहनाया अमलीजामा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
राजनांदगांव, 28 मई।
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक मुकुल साव, जिला महामंत्री पीआर झाड़े, पीएल साहू, जितेंद्र बघेल,  बृजभान सिन्हा,  सीएल चंद्रवंशी,  वीरेंद्र रंगारी,  रंजीत कुंजाम,  देवचंद बंजारे, शिवप्रसाद जोशी,  खोमलाल वर्मा,  राजेंद्र देवांगन,  जनक तिवारी,  हेमंत पांडे,  लीलाधर सेन,  पुष्पेंद्र साहू,  संजीव मिश्रा,  ईश्वर दास मेश्राम,  सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान,  स्वाति वर्मा,  नवीन कुमार पांडे,  उत्तम डड़सेना,  रानी ऐश्वर्य सिंह,  एमबी जलानी,  डीएस कंवर  एवं केएल जोशी का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से ही कर्मचारी-अधिकारी को उनका वास्तविक देय परिलब्धियां और सेवालाभ मिला होता तो हड़ताल की नौबत ही क्यों आती। 

उन्होंने बताया कि शिक्षक संवर्ग का वेतन विसंगति है। केंद्रीय वेतन आयोग के सिफारिशों के अनुसार राज्य शासन के पुनरीक्षित वेतनमानों में शासकीय सेवक संवर्गों को केंद्र के समान वेतनमान मिला है, लेकिन शिक्षक संवर्ग इससे वंचित है। सहायक शिक्षक पद पर भर्ती हुए शिक्षकों को आज पर्यन्त त्रि-स्तरीय समयमान स्वीकृत नहीं हुआ है। उनका कहना है कि राज्य के शासकीय सेवकों में से सर्वाधिक संख्या शिक्षकों की है, लेकिन अलग-अलग संगठनों में बंटे होने के कारण संख्या बल का प्रभाव कम हो गया है। उनका कहना है कि शिक्षकों के संख्या बल पर दूसरे राज कर रहे हैं। 

उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 2016 से सातवे वेतनमान पर देय गृहभाड़ा भत्ता आज पर्यन्त कर्मचारियों को स्वीकृत नहीं हुआ। केंद्रीय कर्मचारियों को आज सातवे वेतन का 18 प्रतिशत एवं 9 प्रतिशत  गृहभाड़ा भत्ता मिल रहा है, लेकिन राज्य के कर्मचारियों को छटवे वेतन पर 10 एवं 7 प्रतिशत   गृहभाड़ा भत्ता मिल रहा है। जिसके कारण कर्मचारियों के वास्तविक वार्षिक परिलब्धियों में भारी आर्थिक क्षति हुआ है। कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से 30 अप्रैल 2023 तक कुल 88 माह में लाखों में आर्थिक क्षति हुआ है। राज्य के कर्मचारियों को केन्द्र के समान गृहभाड़ा भत्ता मुद्दे पर राज्य शासन द्वारा निर्णय नहीं लिया जाना, हड़ताल-आंदोलन का एक कारण है। उन्होंने बताया कि मई महीने में फिलहाल  सभी जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जा रहा है, लेकिन कर्मचारियों एवं उसके परिवार के हित निर्णय नहीं लिए जाने की स्थिति में जून 2023 में एकीकृत हड़ताल हो सकता ह।
 

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