रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 मई। वैसे तो हवन पूजन में पंचमेवा, नारियल, केला, सेव, संतरा, अंगुर आदि फल-फुल चढ़ाते देखा है, लेकिन राजधानी में एक ऐसा भी मंदिर है जहां समोसा, भजिया, आलूगुंडा जैसे नमकीन न केवल अर्पित किए जाते हैं, बल्कि हवन में भी इस्तेमाल होते हैं। पुरानी बस्ती स्थित शीतला माता मंदिर में रविवार को मां घूमावती जयंती मनाई गई। इस अवसर पर मंदिर प्रांगण में हवन पूजा का अयोजन किया गया। साथ ही मां धूमावती को समोसा, कचौड़ी, आलूगंडा, मिर्ची भजिया, मुंगोडी,आदी का भोग लगाया गया। साथ ही मंदिर में एक वर्षीय अखंण्ड ज्योति कलश की भी स्थापना की गई।
इस अवसर पर धर्म प्रेमियों ने मां धूमावती की आराधना कर उपासक मांगलिक दोष, कालसर्प दोष, नवग्रह कुप्रभाव शत्रुबाधा, ऋणमुक्ति, गंभीर संकट, कलह, दरिद्रता, आसाध्य रोग के निवारण, सफलता स्थायित्व और समुद्धि सौभाग्य की कामना की। मां धूमावती के भक्तों ने आत्मकल्याण निमित्त पीठाधीश्वर महाराज नीरज सैनी ने हवन पूजन कर औषधियुक्त हवन आहुतियों के साथ्-साथ समोसा, कचौडी,मिर्ची भजिया और मुंगौडी,गुलगुला एंव स्वेत नैवेध का हवन आहुतियां अर्पित की गई।